भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर तमिलनाडु में हाल ही में हुए जहरीली शराब हादसे पर उनकी पार्टी की ‘उदासीन चुप्पी’ पर सवाल उठाया।
उन्होंने कहा, ‘‘खड़गे जी, जैसा कि आप जानते हैं कि करुणापुरम में अनुसूचित जाति की आबादी काफी अधिक है, जो तमिलनाडु में गरीबी और भेदभाव के कारण कई चुनौतियों का सामना करते हैं। मैं हैरान हूं कि जब इतनी बड़ी आपदा आई है तो आपके नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने इस पर चुप्पी साध रखी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ मुद्दों पर हमें पार्टी लाइन से ऊपर उठने की आवश्यकता है और एससी, एसटी समुदाय का कल्याण और सुरक्षा भी एक ऐसा ही मुद्दा है।’’
नड्डा ने खड़गे से कहा कि वह तमिलनाडु की द्रमुक सरकार पर सीबीआई जांच कराने और राज्य के मद्य निषेध एवं आबकारी मंत्री एस मुथुसामी को उनके पद से तत्काल हटाने का अनुरोध करें।
उन्होंने यह भी मांग की कि पीड़ितों के परिजनों को दी जाने वाली मुआवजे की राशि को ‘उचित’ तरीके से बढ़ाया जाए ताकि इन परिवारों को पर्याप्त सहयोग मिल सके।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘‘खड़गेजी आज समय है कि ‘न्याय’ को लेकर कही गई बातों पर सही मायने में अमल किया जाए न कि इसे बस एक आकर्षक चुनावी नारे तक ही सीमित किया जाए। आज, तमिलनाडु के लोग और पूरा अनुसूचित जाति समुदाय कांग्रेस पार्टी और विशेष रूप से राहुल गांधी और इंडिया गठबंधन के नेताओं के दोहरे मापदंड देख रहा है।’’
उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि अचानक संविधान और अनुसूचित जाति/ओबीसी समुदाय के कल्याण एवं अधिकारों को सुनिश्चित करने के बारे में राहुल गांधी के सभी पवित्र उपदेश बंद क्यों हो गए हैं?
उन्होंने कहा, ‘‘खड़गे जी, कार्रवाई करने का समय आ गया है। खोखले शब्द, फर्जी बयानबाजी और खोखले वादों से द्रमुक-इंडिया गठबंधन सरकार अनुसूचित जाति के पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति न्याय नहीं कर पाएगी।’’
भाजपा प्रमुख ने खरगे से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा को पीड़ितों के परिवारों से मिलने या कम से कम इस मुद्दे पर आवाज उठाने का साहस जुटाने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि विपक्ष के ‘इंडिया’ गठबंधन के विभिन्न घटकों में अवैध शराब कारोबार और ‘शराब घोटालों’ की ‘प्रवृत्ति’ है।
नड्डा ने कहा, ‘‘आपको अपने गठबंधन को ऐसे तत्वों से मुक्त करना चाहिए जो अवैध शराब के कारोबार या शराब घोटाले को संरक्षण देने में लिप्त हैं और जो महात्मा गांधी जी के मूल दर्शन के खिलाफ जाते हैं, जो शराब के सेवन के सख्त खिलाफ थे।’’