दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चुनावी घोषणापत्र को ‘‘देश के लिए खतरनाक’’ बताया और आरोप लगाया कि पार्टी मुफ्त स्वास्थ्य सेवा और सरकारी स्कूलों में शिक्षा को खत्म करना चाहती है। केजरीवाल ने प्रेस वार्ता में भाजपा पर घोषणापत्र में अपने ‘‘असली इरादे’’ जाहिर करने का आरोप लगाया और मतदाताओं को पार्टी का समर्थन नहीं करने को लेकर आगाह किया।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर भाजपा सत्ता में आती है, तो वे मुफ्त शिक्षा बंद कर देंगे, मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं खत्म कर देंगे और दिल्ली में गरीबों के लिए जीना मुश्किल कर देंगे। यह आम आदमी के कल्याण पर सीधा हमला है।’’
पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को जारी पार्टी के दूसरे घोषणापत्र में कई महत्वाकांक्षी योजनाओं की घोषणा की जिनमें सरकारी संस्थानों में ‘किंडरगार्टन’ से लेकर स्नातकोत्तर स्तर तक जरूरतमंद छात्रों के लिए मुफ्त शिक्षा शामिल है।
घोषणापत्र में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) और राज्य सिविल सेवा (पीसीएस) जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को वित्तीय मदद देने का भी वादा किया गया है जिसके तहत दो प्रयासों तक 15,000 रुपये की मदद दी जाएगी।
केजरीवाल ने भाजपा को अपने घोषणापत्र में सरकारी संस्थानों में जरूरतमंद छात्रों को मुफ्त शिक्षा प्रदान किए जाने की बात लिखने को लेकर निशाना साधा और आरोप लगाया कि इसका मतलब है कि भाजपा सभी छात्रों के लिए यह सुविधा बंद करने की योजना बना रही है।
केजरीवाल ने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा के घोषणापत्र में मुफ्त शिक्षा को केवल ‘‘जरूरतमंद’’ छात्रों तक सीमित कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अन्य छात्रों के माता-पिता को अपने बच्चों को मुफ्त शिक्षा का लाभ दिलाने के वास्ते अपने नेताओं के पीछे भागना पड़ेगा। यह उनकी असली मंशा है। वे सभी के लिए मुफ्त शिक्षा को खत्म करना चाहते हैं।’’
आम आदमी पार्टी (आप) सुप्रीमो ने कहा कि उनकी पार्टी के शासन में सरकारी स्कूलों में दी जाने वाली मुफ्त शिक्षा से फिलहाल कुल 18 लाख बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की योजना इन बच्चों को दी जा रही मुफ्त शिक्षा को खत्म कर देगी।
केजरीवाल ने दावा किया कि भाजपा ने अपने पहले घोषणापत्र में मोहल्ला क्लीनिक को बंद करने की योजना की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से परिवारों पर अतिरिक्त खर्च का बोझ पड़ेगा क्योंकि उन्हें निजी अस्पतालों और स्कूलों पर निर्भर रहना पड़ेगा जो भारी रकम वसूलते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘दो बच्चों की निजी स्कूल फीस का खर्च 10,000 रुपये प्रति माह तक हो सकता है। इसके अलावा मोहल्ला क्लीनिक जैसी मुफ्त स्वास्थ्य सेवाओं को सीमित करने की भाजपा की योजना के कारण परिवारों को बुनियादी स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं के लिए हर महीने 5,000-7,000 रुपये का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ेगा। इसका मतलब है कि औसत परिवार को हर महीने 15,000 रुपये अतिरिक्त खर्च उठाने होगा, जिससे दिल्ली में कई परिवारों के लिए खुद का भरण-पोषण करना लगभग असंभव हो जाएगा।’’
उन्होंने तर्क दिया कि भाजपा के प्रस्तावों से दिल्ली के मध्यम वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की वित्तीय स्थिरता खत्म होने का खतरा है।
केजरीवाल ने कहा कि भाजपा द्वारा जारी दोनों घोषणापत्र न केवल दिल्ली के लिए बल्कि पूरे देश के लिए खतरनाक हैं। उन्होंने कहा कि ये घोषणाएं आप सरकार के तहत आवश्यक सेवाओं तक सभी की समान पहुंच सुनिश्चित करने में हुई प्रगति को सीधे सीधे पलटने वाली हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि उन्होंने ईमानदारी से अपने असली इरादों और उद्देश्यों को स्वीकार किया है। लेकिन जो कोई भी इन घोषणापत्रों को पढ़ेगा, वह गुस्से से भर जाएगा। हमने बार-बार कहा है कि दिल्ली में हमने शिक्षा मुफ्त कर दी है। हमने गरीब परिवारों के बच्चों के लिए उत्कृष्ट शिक्षा की व्यवस्था की है। अब भाजपा कह रही है कि अगर वे सत्ता में आए तो वे मुफ्त शिक्षा बंद कर देंगे और मुफ्त स्वास्थ्य सेवा बंद कर देंगे।’’
केजरीवाल ने बाद में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ये लोग मुफ्त बिजली, पानी और महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा जैसी अन्य योजनाएं भी बंद कर देंगे। गलत बटन मत दबाइए। वरना ये लोग दिल्ली में रहना मुश्किल कर देंगे।’’
केजरीवाल ने लोगों से भाजपा को वोट नहीं देने की अपील करते हुए दावा किया कि पार्टी की नीतियां देश के भविष्य को खतरे में डाल देंगी और दिल्ली के गरीबों के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डालेंगी।
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा का संकल्प पत्र सरकारी स्कूलों और मोहल्ला क्लीनिकों को बंद करने का खाका है, जो कई लोगों के लिए जीवन रेखा रहे हैं।’’
भाजपा ने अब तक इन आरोपों का जवाब नहीं दिया है।