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कुमारस्वामी का बड़ा बयान, "...इज्जत बची है तो लौट आओ...", आखिर कहां है प्रज्वल रेवन्ना?

कर्नाटक के कथित सेक्स स्कैंडल मामले में जनता दल (सेक्यूलर) के अध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एच...
कुमारस्वामी का बड़ा बयान,

कर्नाटक के कथित सेक्स स्कैंडल मामले में जनता दल (सेक्यूलर) के अध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने अपने भतीजे और हसन से सांसद प्रज्वल रेवन्ना से एक बार फिर भारत वापस आने की अपील की है. कुमारस्वामी ने रेवन्ना से कहा कि उन्हें वापस लौटकर उनके खिलाफ चल रहे मामले की जांच में सहयोग करना चाहिए.

कुमारस्वामी ने स्वीकार किया कि प्रज्वल लौटने में जितनी देरी करेंगे उससे पार्टी और एच डी देवे गौड़ा के परिवार की छवि उतनी ही खराब होगी. कुमारस्वामी ने कहा, “मैं खुलकर अपील कर चुका हूं कि अगर उसमें खुद को, पार्टी को या देवे गौड़ा को लेकर थोड़ी भी इज्जत बची है तो वह जहां भी है उसे वापस लौट आना चाहिए. अगर उसने कुछ गलत नहीं किया है तो उसे साबित करना होगा और अगर उसने गलत किया है तो उसे सजा भुगतनी होगी.”

सेक्स टेप मामला

सेक्स टेप के मामले में पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवे गौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना कथित आरोपी हैं. अपने लोकसभा सीट पर चुनाव होने के एक दिन बाद रेवन्ना अपने डिप्लोमैटिक पासपोर्ट से जर्मनी चले गए. रेवन्ना पर कई महिलाओं ने मर्यादा भंग करने और कृत्यों को कैमरे में रिकॉर्ड करने का आरोप लगाया है. 27 मई को महिला आयोग की अध्यक्ष नागलक्ष्मी चौधरी की सिफारिशों के बाद, कर्नाटक सरकार ने प्रज्वल से जुड़े महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) की स्थापना की.

रेवन्ना के मामले के बाद राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई. कांग्रेस ने इस मामले को लेकर भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि वो एक ‘दागी’ सांसद और उनकी पार्टी के साथ गठबंधन कर रही है. विपक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी पर भी निशाना साधा कि उन्होंने चुनाव के दौरान रेवन्ना के लिए प्रचार किया था.
वहीं एसआईटी के जरिए सीबीआई ने इंटरपोल से अनुरोध किया कि वो रेवन्ना के ठिकाने के बारे में जानकारी इकठ्ठा करें. अनुरोध के बाद इंटरपोल ने रेवन्ना के खिलाफ ‘ब्लू कॉर्नर नोटिस’ जारी किया है.

प्रज्वल रेवन्ना कहां है?

कुमारस्वामी ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि रेवन्ना किसी के संपर्क में नहीं है. कुमारस्वामी ने कहा, “मैं उसे ढूंढने कहां जाऊंगा? अगर मैं देश से बाहर जाता हूं तो वो लोग कहेंगे कि मैं रेवन्ना को बचाने के लिए गया हूं, लेकिन वो किसी के संपर्क में नहीं है. अगर मुझे पता होता कि 27 अप्रैल को वो बाहर जा रहा है तो मैं उसे रोक लेता.”

वहीं मई के शुरूआत में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जयसवाल ने पुष्टि करते हुए कहा यात्रा के लिए राजनीतिक मंजूरी मांगे बगैर रेवन्ना डिप्लोमैटिक पासपोर्ट पर जर्मनी चले गए.

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