वामपंथी संगठनों ने रविवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी आरएसएस से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) को हरा दिया। चार साल के अंतराल के बाद हुए चुनावों में अखिल भारतीय छात्र संघ (एआईएसए) के धनंजय ने 2,598 वोट हासिल करके जेएनयूएसयू अध्यक्ष पद का चुनाव जीता, जबकि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के उमेश सी अजमीरा ने 1,676 वोट हासिल किए।
स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के अविजीत घोष ने एबीवीपी की दीपिका शर्मा को हराकर उपाध्यक्ष पद पर जीत हासिल की। वाम समर्थित बीएपीएसए उम्मीदवार प्रियांशी आर्य ने एबीवीपी के अर्जुन आनंद को हराकर महासचिव पद जीता। चुनाव समिति द्वारा वामपंथी संगठनों की उम्मीदवार स्वाति सिंह का नामांकन रद्द किए जाने पर वामपंथी संगठनों ने अपना समर्थन प्रियांशी आर्य को दिया था। संयुक्त सचिव पद पर वामपंथी संगठनों के उम्मीदवार मोहम्मद साजिद ने एबीवीपी के गोविंद को हराकर जीत हासिल की।
बता दें कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने लगभग तीन दशक बाद रविवार को अपना पहला दलित अध्यक्ष चुना जो वाम समर्थित समूह से है। यूनाइटेड लेफ्ट पैनल ने रविवार को जेएनयूएसयू चुनाव में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) को सभी पदों पर शिकस्त दी।
जीत के बाद ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए धनंजय ने कहा, ‘यह जीत जेएनयू के छात्रों का इस बात को लेकर जनमत संग्रह है कि वे नफरत और हिंसा की राजनीति को खारिज करते हैं। हम उनके अधिकारों के लिए लड़ना जारी रखेंगे और छात्रों से जुड़े मुद्दों पर काम करेंगे।” उन्होंने कहा, ‘परिसर में महिलाओं की सुरक्षा, कोष में कटौती, छात्रवृत्ति वृद्धि, बुनियादी ढांचा और जल संकट शुरुआत से ही छात्र संघ की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है।’
‘लाल सलाम’ और ‘जय भीम’ के नारों के बीच विजेता छात्रों का उनके समर्थकों ने स्वागत किया। उम्मीदवारों की जीत का जश्न मनाने के लिए छात्रों ने लाल, सफेद और नीले झंडे लहराए