गुजरात की 26 में से 25 सीट पर लोकसभा चुनाव लड़ने वाले 265 में से 215 उम्मीदवार अपनी ज़मानत तक नहीं बचा पाए। इनमें मायावती नीत बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले सभी 24 प्रत्याशी भी शामिल हैं।
उन्होंने कहा, “ यदि कोई उम्मीदवार एक निर्वाचन क्षेत्र में डाले गए कुल वैध मतों का छठा हिस्सा या 16.67 प्रतिशत मत हासिल करने में विफल रहता है, तो नामांकन दाखिल करने के समय निर्वाचन आयोग को जमा की गई ज़मानत जमा राशि जब्त कर ली जाती है।”
भाजपा ने सूरत सीट निर्विरोध जीत ली थी। इसके बाद 25 शेष सीट पर चुनाव हुआ था जहां 265 उम्मीदवार खड़े थे। राज्य में सात मई को मतदान हुआ था और चार जून को नतीजे घोषित किए गए।
आयोग द्वारा साझा किए गए आंकड़े बताते हैं कि 25 निर्वाचन क्षेत्रों में से प्रत्येक में औसतन नौ से 13 लाख वोट पड़े। इसके तहत कम से कम 1.5 लाख वोट हासिल करने में विफल रहने पर उम्मीदवार की ज़मानत राशि जब्त कर ली गई।
आंकड़ों से पता चलता है कि 50 उम्मीदवारों को छोड़कर शेष 215 उम्मीदवारों की ज़मानत जब्त हो गई क्योंकि सभी निर्वाचन क्षेत्रों में उनके वोट की संख्या 20,000 से कम थी। इन 50 में विजेता और उनके निकटतम प्रत्याशी शामिल हैं।
आंकड़ों के मुताबिक, ज़मानत जब्त कराने वाले 215 उम्मीदवारों में से 118 निर्दलीय हैं।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने 24 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और उसके सभी प्रत्याशियों की ज़मानत जब्त हो गई। कई सीट पर तीसरा स्थान हासिल करने के बावजूद बसपा का कोई भी उम्मीदवार 20 हजार से ज्यादा वोट हासिल नहीं कर सका।