महाराष्ट्र की उद्धव सरकार के आवास मंत्री जितेंद्र आव्हाड के ठाणे बंगले पर सिविल इंजीनियर की पिटाई के मामले में गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया था। हालांकि, बाद में उन्हें ठाणे कोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया गया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि आव्हाड गुरुवार को इस मामले के सिलसिले में ठाणे शहर के वर्तक नगर पुलिस थाने में पेश हुए थे।
अधिकारी ने कहा कि उनका बयान दर्ज किया गया और उन्हें एक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जिन्होंने मंत्री को 10,000 रुपये के नकद मुचलके और एक जमानत पर रिहा कर दिया।
पूरा मामला
शिकायतकर्ता आनंद करमुसे ने आरोप लगाया था कि उन्हें आव्हाड के बंगले में ले जाया गया और मंत्री की मौजूदगी में एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर पीटा गया। बॉम्बे उच्च न्यायालय ने ठाणे पुलिस को उचित जांच करने और आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था, जब करमुसे ने आव्हाड को आरोपी बनाने की मांग की थी।
बता दें कि सिविल इंजीनियर, करमुसे ने आरोप लगाया था कि कुछ पुलिसकर्मी 5 अप्रैल, 2020 की शाम को उनसे मिलने आए और उनसे कहा कि उन्हें पुलिस स्टेशन जाना होगा, लेकिन इसके बजाय उन्हें आव्हाड के बंगले में ले गए। करमुसे ने कहा कि बंगले में मंत्री की एक विकृत तस्वीर को लेकर दस से पंद्रह लोगों ने उनकी पिटाई करदी थी, जिसे उन्होंने फेसबुक पर साझा किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि घटना के दौरान आव्हाड भी वहां मौजूद थे। उद्धव सरकार के मंत्री ने इन आरोपों का खंडन किया है।
पुलिस के एक बयान के अनुसार, वर्तक नगर पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 324 (हमला), 365 (अपहरण) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इस मामले में विपक्ष हमलावर
इस पूरी घटना के बाद भाजपा नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने मांग की कि आव्हाड को कैबिनेट से बर्खास्त किया जाए। इसके अवाला महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दारेकर ने आरोप लगाया कि गिरफ्तारी और उसके बाद की जमानत "राज्य सरकार द्वारा आयोजित" प्रतीत होती है।