निर्वाचन आयोग ने बुधवार को निराशा जताई कि मतदान प्रक्रिया को आसान बनाने के उसके उपायों और जागरूकता अभियानों के बावजूद, महाराष्ट्र में शहरी मतदाताओं ने मुंबई, पुणे और ठाणे जैसे शहरों में कम भागीदारी का अपना ‘‘निराशाजनक रिकॉर्ड’’ जारी रखा।
महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों के लिए मतदान बुधवार को संपन्न हो गया। शाम पांच बजे तक महाराष्ट्र में 58.22 प्रतिशत और झारखंड में 67.59 प्रतिशत मतदान हुआ। वहीं, झारखंड में 2019 में इन विधानसभा सीट पर 67.04 प्रतिशत मतदान हुआ था।
निर्वाचन आयोग ने कहा है कि महाराष्ट्र में मतदान प्रतिशत 2019 के आंकड़े को पार करने की संभावना है। विधानसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र में एक चरण में और झारखंड में दो चरणों में मतदान हुआ है।
निर्वाचन आयोग ने कहा कि पिछले विधानसभा और संसदीय चुनावों में महाराष्ट्र के शहरी क्षेत्रों में कम मतदान दर्ज किया गया था जिसके चलते शहरी क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा मतदान सुनिश्चित करने के लिए मतदाताओं को जागरुक करने पर विशेष ध्यान दिया गया था।
बहुमंजिला इमारतों और सोसाइटी में 1,185 से अधिक मतदान केंद्र स्थापित किए गए थे और शहरी तथा युवा मतदाताओं को जागरूक करने के लिए चुनाव से पहले चलाये गए अभियानों में फिल्मी हस्तियों को भी शामिल किया गया।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    