महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही पुणे के लोगों ने बुनियादी मुद्दे उठाने के लिए ‘‘नागरिक घोषणापत्र’’ के रूप में अपनी मांगों का मसौदा तैयार कर उम्मीदवारों से अपने चुनावी घोषणापत्रों में इन मांगों को शामिल करने का आग्रह किया है।
बुनियादी मुद्दों के आधार पर नागरिकों ने नियमित जलापूर्ति का अभाव, खस्ताहाल सड़क अवसंरचना, अतिक्रमण, यातायात व्यवधान, अव्यवस्थित जल निकासी प्रणाली, ध्वनि प्रदूषण, अक्सर होती बिजली की कटौती और विकास योजनाओं के क्रियान्वयन की आवश्यकता जैसी मांगों को उठाया है।
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को राज्य विधानसभा चुनाव होने हैं और मतगणना 23 नवंबर को होगी।
दक्षिण पुणे के मोहम्मदवाड़ी और उंद्री के लोगों ने एक स्थानीय कल्याण मंच के तत्वावधान में अपर्याप्त जलापूर्ति, अक्सर होती बिजली कटौती, यातायात की समस्या, अपशिष्ट निस्तारण और प्रबंधन, अतिक्रमण तथा रात में पुलिस गश्त की कमी आदि की लंबे समय से चली आ रही नागरिकों की समस्याओं के समाधान के लिए अपना स्वयं का घोषणापत्र तैयार किया है।
उनका दावा है कि क्षेत्र की 60 से अधिक आवासीय ‘सोसायटी’ में 18 वर्ष से अधिक समय से विशेषकर जलापूर्ति समेत अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं।
पुणे नगर निगम की ओर से पाइप लाइन से पानी की सुविधा न होने के कारण इन ‘सोसायटी’ को पानी के लिए निजी टैंकरों पर निर्भर रहना पड़ता है और इससे सामूहिक रूप से प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए खर्च होते हैं।
उंद्री में सोसायटी ‘न्याति चेस्टरफील्ड’ के निवासी सुनील अय्यर ने दावा किया कि वे 20 वर्षों से अधिक समय से इस क्षेत्र में रह रहे हैं, लेकिन बुनियादी सुविधाओं में कोई उल्लेखनीय सुधार उन्होंने नहीं देखा है।
अय्यर ने रविवार को ‘पीटीआई-’ से कहा कि यहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव है और हमने नगर निकाय, विधायकों तथा सांसदों सहित सभी अधिकारियों से संपर्क किया है, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।