शिवसेना नेता संजय राउत ने बुधवार को "राहत घोटाले" का दावा किया। दरअसल बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र भाजपा नेता किरीट सोमैया को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण देने का आदेश दिया। सोमैया युद्धपोत आईएनएस विक्रांत को बचाने के लिए एकत्र किए गए धन के कथित दुरुपयोग से संबंधित एक धोखाधड़ी मामले में आरोपी हैं।
राउत ने सवाल किया कि कैसे केवल एक पार्टी के लोग अदालतों द्वारा दी गई "राहत" के लाभार्थी हैं।
उन्होंने कहा, "सेव विक्रांत एक घोटाला है। करोड़ों-करोड़ों रुपये एकत्र और गबन किए गए। अदालत से राहत का मतलब यह नहीं है कि कोई भ्रष्टाचार के आरोप से मुक्त हो गया है। एकत्र किया गया धन राजभवन तक नहीं पहुंचा। राजभवन यही कहता है। लोगों का न्यायपालिका पर से विश्वास क्यों उठ गया है? यह सिर्फ इसी वजह से है।"
राज्यसभा सांसद ने नौ साल पहले सेवामुक्त विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को नष्ट होने से बचाने के लिए एकत्र किए गए धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया था।
राउत ने आगे कहा, "राहत घोटाला न्यायिक व्यवस्था पर एक हालिया दाग है। राहत घोटाला अल-कायदा और (26/11 के आतंकवादी अजमल) कसाब से भी गंभीर है। केवल एक पार्टी के लोग ही इस घोटाले के लाभार्थी कैसे हो सकते हैं? यह सवाल है। विक्रांत फंड के हेराफेरी का मामला अभी खत्म नहीं हुआ है। दोषियों को दंडित किया जाएगा। रुको और देखो।"
इससे पहले दिन में न्यायमूर्ति अनुजा प्रभुदेसाई की एकल पीठ ने कहा कि मामले में गिरफ्तारी की स्थिति में सोमैया को 50,000 रुपये के निजी मुचलके पर रिहा किया जाए।
न्यायमूर्ति प्रभुदेसाई ने सोमैया को मामले में पुलिस की जांच में सहयोग करने का भी निर्देश दिया और उनसे "18 अप्रैल से शुरू होकर, सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे के बीच चार दिनों के लिए मामले में जांच अधिकारी को रिपोर्ट करने के लिए कहा।"
मुंबई से लोकसभा के पूर्व सांसद सोमैया और उनका बेटा धोखाधड़ी के मामले में आरोपी हैं। भाजपा नेता ने धोखाधड़ी के आरोपों का खंडन किया है।