तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने कई विपक्षी नेताओं द्वारा उनके आईफोन में ‘सरकार प्रायोजित सेंधमारी’ के प्रयास का दावा किए जाने का हवाला देते हुए बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर आग्रह किया कि वह सदन के सदस्यों को संरक्षण प्रदान करें, ताकि वे अपने कर्तव्य का निर्वहन करना जारी रख सकें। उन्होंने यह भी कहा कि यह ‘‘सरकार द्वारा गैरकानूनी निगरानी’’ है जो संविधान द्वारा दिए गए मौलिक अधिकारों पर सबसे बुरा हमला है।
सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष प्रतापराव जाधव ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि अगर कोई इस मामले को उनके पास भेजेगा तो समिति इस मुद्दे पर कार्रवाई करेगी। विपक्ष के कई नेताओं ने मंगलवार को दावा किया था कि उन्हें उनके आईफोन में ‘सरकार प्रायोजित सेंधमारी के प्रयास’’ के बारे में एप्पल से चेतावनी संदेश मिला है तथा इस कथित हैकिंग के प्रयास के लिए सरकार जिम्मेदार है।
केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया था और कहा था कि सरकार इसकी गहन जांच कराएगी।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी नेता केसी वेणुगोपाल, शशि थरूर, पवन खेड़ा, सुप्रिया श्रीनेत एवं टी एस सिंहदेव, शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा, आम आदमी पार्टी (आप) के राघव चड्ढा, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के असदुद्दीन ओवैसी को भी इसी तरह का संदेश मिला।
बिरला को लिखे पत्र में मोइत्रा ने कहा, ‘‘विपक्षी नेताओं को एक संदेश मिला है कि उन्हें सरकार प्रायोजित सेंधमारों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है जो उपकरणों के साथ दूर से छेड़छाड़ करने और उनके डेटा, संचार तथा यहां तक कि कैमरा और माइक्रोफोन तक पहुंच बनाने का प्रयास कर रहे हैं।’’ तृणमूल कांग्रेस की सांसद ने कहा, ‘‘उस पेगासस सॉफ़्टवेयर (केवल सरकारों को बेचा गया) के मामले के मद्देनजर यह खतरा दोगुना चौंकाने वाला है जिसका उपयोग 2019-2021 के दौरान विपक्ष के विभिन्न सदस्यों, असंतुष्ट पत्रकारों और सामाजिक संगठनों के सदस्यों के उपकरणों से छेड़छाड़ करने के लिए किया गया था।’’
मोइत्रा ने पेगासस मामले का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी निशाने पर थे। विपक्ष द्वारा सदन में इस मुद्दे को उठाने के बावजूद किसी भी चर्चा की अनुमति नहीं दी गई और न ही कोई निर्णायक रिपोर्ट किसी एजेंसी द्वारा दायर की गई।’’ उन्होंने बिरला से सदस्यों के संरक्षण का आग्रह किया और कहा, ‘‘एक जीवंत विपक्ष के रूप में हमारा कर्तव्य सत्तारूढ़ सरकार से सवाल करना और उसे जवाबदेह ठहराना है।’’ प्रताप राव जाधव ने कहा कि उन्होंने कई विपक्षी नेताओं के आईफोन पर कथित हमलों के बारे में आई रिपोर्ट का संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा, ‘यह मुद्दा समिति के समक्ष नहीं है। अगर कोई इस मुद्दे को समिति के सामने रखता है, तो हम भविष्य के कदम तय कर सकते हैं।’
आईफोन निर्माता एप्पल ने मंगलवार को कहा था कि वह विपक्षी दलों के कुछ सांसदों को भेजे गए चेतावनी संदेश को किसी विशिष्ट सरकार-प्रायोजित सेंधमारों से नहीं जोड़ती और वह इस बारे में जानकारी नहीं दे सकती है कि ऐसी चेतावनियों का कारण क्या है। कंपनी ने कहा था, ‘‘ऐसे हमलों का पता लगाना खतरे के खुफिया संकेतों पर निर्भर करता है जो अक्सर अपूर्ण और अधूरे होते हैं। यह संभव है कि एप्पल के खतरे संबंधी कुछ सूचनाएं गलत चेतावनी हो सकती हैं या कुछ हमलों का पता नहीं चल पाता।’’ हालांकि, एप्पल ने इस बारे में बताने से इनकार कर दिया कि विपक्षी नेताओं को किस वजह से चेतावनियां मिलीं