बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आज सीएम पद से इस्तीफा देने और महागठबंधन से बाहर होने के बाद, बयानबाज़ी का सिलसिला शुरू हो गया है। कांग्रेस ने नीतीश कुमार सहित भाजपा को घेरने की कोशिश की है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि इंडिया गठबंधन पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा लेकिन वह (नीतीश कुमार) गिरगिट को भी कड़ी टक्कर दे सकते हैं।
कांग्रेस के तीखे बोल
• कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, ''इससे इंडिया गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। बिहार की जनता 2024 के चुनाव में नीतीश कुमार और दिल्ली में बैठे लोगों को सही जवाब देगी। मैंने उनके जैसा कोई अवसरवादी नेता नहीं देखा। वह गिरगिट को कड़ी टक्कर दे सकते हैं। यह पूरा ड्रामा पीएम- 'मुहूर्त मंत्री' ने रचा है। वह भारत जोड़ो न्याय यात्रा की सफलता से चकित हैं।"
#WATCH | On Nitish Kumar joining NDA, Congress MP Jairam Ramesh says, "This will not affect the INDIA alliance. The people of Bihar will give the right answer to Nitish Kumar and those who are sitting in Delhi in the 2024 elections. I have not seen any opportunistic leader like… pic.twitter.com/w1IYot6jCc
— ANI (@ANI) January 28, 2024
• खड़गे ने कहा, "पहले वह और हम एक साथ लड़ रहे थे। जब मैंने लालू जी और तेजस्वी से बात की तो उन्होंने भी कहा कि नीतीश जा रहे हैं। अगर वह रुकना चाहते तो रुक जाते लेकिन वह जाना चाहते हैं। इसलिए ये बात हमें पहले से ही पता थी, लेकिन इंडिया अलायंस को बरकरार रखने के लिए अगर हम कुछ गलत कहेंगे तो गलत संदेश जाएगा। इसकी जानकारी हमें लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव ने पहले ही दे दी थी। आज वह सच हो गया। देश में 'आया राम-गया राम' जैसे कई लोग हैं।"
जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार रविवार को पटना राजभवन पहुंचे और राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर को अपना इस्तीफा सौंप दिया। वह रविवार शाम को भाजपा के साथ नए गठबंधन की सरकार के सीएम पद की शपथ लेंगे।
भाजपा नेताओं के मन में क्या है ?
• पश्चिम बंगाल से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद दिलीप घोष ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फिर से पाला बदलने को ‘‘राजनीतिक अवसरवादिता’’ करार देते हुए रविवार को कहा कि इसका अंत होना चाहिए। उन्होंने कहा, "नीतीश कुमार ऐसे नेता हैं, जो पांच साल के कार्यकाल में कम से कम दो या तीन बार शपथ लेते हैं, वो भी हर बार अलग-अलग खेमे से। मुझे लगता है कि यह राजनीतिक अवसरवादिता है और अब समय आ गया है जब ऐसी चीजें बंद होनी चाहिए।"
• बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा, "अगर इस गठबंधन के पीछे मुख्य व्यक्ति (नीतीश कुमार) ऐसा कहते हैं, तो (इंडिया गठबंधन के लिए) कोई भविष्य नहीं था।प्रधानमंत्री पद के लिए कोई पद रिक्त नहीं है। लोकसभा चुनाव में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत होगी और बिहार में हम पूरी 40 सीटें जीतेंगे।''
• केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह ने कहा, "मैं नीतीश कुमार को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया। उनकी जो भी मजबूरी रही हो, डेढ़ साल में बिहार में जंगलराज 2 जैसी स्थिति हो जाती। क्या तेजस्वी यादव सीएम की कुर्सी पर बैठते, यह बहुत मुश्किल होता। मुझे अब सिर्फ एक बात की चिंता थी, मुझे डर था कि तेजस्वी की 'ताजपोशी' के लिए लालू यादव जिस तरह का दबाव उन पर डाल रहे थे - उससे बिहार की हालत खराब हो जाती। भाजपा बिहार में जंगल राज नहीं होने देगी।"
• बीजेपी सांसद और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा, "हम नीतीश कुमार के फैसले का स्वागत करते हैं। हम जानते थे कि राजद-जेडीयू गठबंधन एक अप्राकृतिक गठबंधन था और लंबे समय तक नहीं चलेगा। हम खुश हैं और अब जेडीयू और बीजेपी मिलकर सरकार बनाएंगे। मुझे उम्मीद है कि अगले 2-3 घंटों में नई सरकार बन जाएगी।"
• पश्चिम बंगाल की भाजपा इकाई के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने घोष के बयान पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। हालांकि, उन्होंने कहा, "सच तो यह है कि प्रेम के बिना शादी हमेशा कायम नहीं रह सकती। जनता दल यूनाइटेड (जदयू)-राजद का गठबंधन भी ऐसा ही विवाह था और यह परिणीति तो होनी ही थी। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग)में लौटकर नीतीश कुमार अपने उस राजनीतिक पापों का प्रायश्चित कर रहे हैं, जो उन्होंने राजग को छोड़कर और लोगों के जनादेश की अवहेलना करके किया था।"
• बिहार बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष संजय जयसवाल ने कहा, ''बिहार का हाल भी पश्चिम बंगाल जैसा होता, पीएम मोदी ने बिहार की जनता के हित में ये फैसला लिया। 1990-2005 तक जंगल राज था, ऐसा दोबारा न हो, इसलिए ये फैसला लिया गया। मैं पार्टी की ओर से पीएम मोदी और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को धन्यवाद देता हूं।"
एनडीए में नीतीश के आगमन से कितने खुश सहयोगी दल ?
• लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा, "आने वाले दिनों में सरकार की क्या रूपरेखा होती है, एजेंडे में किस-किस चीज को जोड़ा जाता है।।इन विषयों पर चर्चा होगी। आज महत्वपूर्ण था कि मौजूदा और पूर्व मुख्यमंत्री (नीतीश कुमार) पहले इस्तीफा दें और उसके बाद वे पुन: शपथ लें। मैं NDA के सहयोगी के तौर पर शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने जा रहा हूं।"
• राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद प्रिंस राज कहते हैं, "हम नीतीश कुमार का स्वागत करते हैं, और बिहार के लोगों को भी बधाई देते हैं। 'महागठबंधन' सरकार के तहत बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो गई थी और 'जंगल राज 2.0' देखा जा सकता था। बिहार में जो बदलाव आया है, वह ग़लतफ़हमी के कारण हुआ है। देर आए दुरुस्त आए, चीज़ें सुलझ गई हैं।"
नीतीश कुमार के साथियों ने इंडिया गठबंधन को लेकर क्या कहा ?
• जेडी (यू) नेता केसी त्यागी ने बताया, "कांग्रेस इंडिया गठबंधन का नेतृत्व छीनना चाहती थी। 19 दिसंबर को हुई बैठक में एक साजिश के तहत इंडिया गठबंधन का नेतृत्व पाने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम (पीएम के तौर पर) प्रस्तावित किया गया था। इससे पहले मुंबई में हुई बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि बिना किसी पीएम चेहरे के इंडिया गठबंधन एक साजिश के तहत काम करेगा, ममता बनर्जी से खड़गे का नाम पीएम चेहरे के तौर पर प्रस्तावित कराया गया, बाकी सभी पार्टियों ने अपना-अपना नाम बना लिया है। कांग्रेस सीट शेयरिंग को खींचती रही, हम कहते रहे कि सीट शेयरिंग तुरंत होनी चाहिए, इंडिया गठबंधन के पास बीजेपी के खिलाफ लड़ने की योजना की कमी है।"
• जेडीयू एमएलसी नीरज कुमार ने कहा, "हमारी नई सरकार भाजपा और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के साथ बनने जा रही है। नीतीश कुमार 9वीं बार शपथ लेंगे। सभी चीज़ों को ध्यान में रखते हुए और INDIA गठबंधन में गंभीरता के अभाव के चलते हमने यह फैसला लिया है। राजनीति में INDIA गठबंधन की अकाल मृत्यु हो गई।"
बयानों के क्रम में निकले तीखे स्वर
• एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, पीएम मोदी को बिहार के लोगों से माफी मांगनी चाहिए। इन तीनों ने बिहार के लोगों को धोखा दिया है, खासकर नीतीश कुमार को। राजनीतिक अवसरवाद शब्द कहना कम होगा, नीतीश कुमार ने रिवार्ड्स को तोड़ दिया है। मैंने हमेशा कहा था कि नीतीश कुमार बीजेपी के साथ जाएंगे। मैं तेजस्वी यादव से पूछना चाहता हूं कि कैसा लगता है? उन्होंने हमारे चार विधायकों को छीन लिया। क्या उन्हें अब भी वही दर्द महसूस हो रहा है? जैसा उन्होंने हमारे साथ खेला था, वैसा ही उनके साथ भी हुआ है। "
उन्होंने कहा, "बिहार में नीतीश कुमार सिर्फ आरएसएस और नरेंद्र मोदी के शासन का चेहरा होंगे। तेजस्वी यादव और उनके परिवार ने बिहार के लोगों को दरकिनार कर दिया है और उनका ध्यान केवल उनके बीच से किसी को सीएम बनाने पर है। नीतीश कुमार चाहते हैं जब तक वह जीवित हैं, तब तक मुख्यमंत्री बने रहें। भाजपा किसी भी तरह से सब कुछ अपने लिए चाहती है। बिहार के लोगों को धोखा दिया गया है। बिहार में कोई विकास नहीं हुआ है। राज्य में नौकरशाही बढ़ रही है। एआईएमआईएम हमेशा कहा कि राजनीतिक धर्मनिरपेक्षता का इस्तेमाल भारतीय मुसलमानों को धोखा देने के लिए किया जाता है। और अब बिहार के मुसलमानों को फिर से धोखा दिया गया है।''
• राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, "उनके पास बचा ही क्या था? जनता मालिक है। वह सब देखती है और हर बात का हिसाब मांगेगी। तेजस्वी यादव ने जो काम किया है - जनता के बीच जाएंगे और एनडीए की नाव, नीतीश की" नाव डुबाएंगे।"
पूरे घटनाक्रम पर डालें नज़र
यह घटनाक्रम इस गगनभेदी चर्चा के बीच आया है कि नीतीश भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में फिर से शामिल हो जाएंगे, जिससे राज्य में 'महागठबंधन' शासन का अंत हो जाएगा। राज्य में तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम की शुरुआत पूर्व सीएम और राजद प्रमुख लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के एक सोशल मीडिया पोस्ट से हुई, जिसमें उन्होंने जद (यू) पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जबकि 'समाजवादी पार्टी' शैली स्वयं प्रगतिशील होने के कारण, इसकी विचारधारा हवा के बदलते पैटर्न के साथ बदलती रहती है।
बिहार में जारी सियासी ड्रामे के बीच भारतीय जनता पार्टी विधायक दल की बैठक पटना स्थित पार्टी कार्यालय में चल रही है। राजद ने रविवार को राज्य के प्रमुख अखबारों में एक पूरे पेज का विज्ञापन दिया, जिसमें जनता दल (यूनाइटेड) सुप्रीमो को किनारे कर दिया गया और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को आगे बढ़ाया गया।
पूरे पन्ने के विज्ञापन में, जिसमें केवल तेजस्वी की बड़ी छवि थी, राजद ने 4 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां देने से लेकर राज्य की पर्यटन क्षमता को बढ़ाने तक कई विकासात्मक पहलों के लिए डिप्टी सीएम को धन्यवाद दिया। गौरतलब है कि 243 की बिहार विधानसभा में राजद के 79 विधायक हैं; इसके बाद भाजपा 78 पर; जद (यू) 45 पर, कांग्रेस 19 पर, सीपीआई (एम-एल) 12 पर, सीपीआई (एम) और सीपीआई 2-2 पर, और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) 4 पर जबकि अन्य दो सीटें एआईएमआईएम के पास हैं।