पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संदेशखालि में अशांति भड़काने का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर रविवार को आरोप लगाया, जिस पर भाजपा ने पलटवार करते हुए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) एवं राज्य सरकार पर महिलाओं के खिलाफ अपराध में मिलीभगत करने का आरोप लगाया।
टीएमसी के स्थानीय नेताओं द्वारा ग्रामीणों पर अत्याचार और महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोप को लेकर एक सप्ताह के विरोध प्रदर्शन के बाद उत्तर 24 परगना के संदेशखालि में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। टीएमसी के एक प्रतिनिधिमंडल ने क्षेत्र का दौरा किया, जिसमें तीन मंत्री शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी किसी भी गलत काम को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। तीनों मंत्रियों ने सवाल किया कि क्या भाजपा शासित राज्यों में उत्पीड़न के आरोप लगने के बाद सरकार ने कार्रवाई की है।
इस बीच, भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सात मार्च को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में स्थित बारासात में महिला रैली को संबोधित करने की उम्मीद है। सूरी में एक सार्वजनिक वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि संदेशखालि में एक भी महिला ने प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई है और उन्होंने ही पुलिस को इस संबंध में स्वत: संज्ञान लेने का निर्देश दिया था।
बनर्जी ने कहा, “ (संदेशखालि में) एक घटना घटी है। इसे कराया गया था। सबसे पहले, उन्होंने (भाजपा ने) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भेजा और फिर ईडी के मित्र, भाजपा ने कुछ मीडियाकर्मियों के साथ संदेशखालि में प्रवेश किया और मीडिया ने हंगामा करना शुरू कर दिया।” मुख्यमंत्री ने चार दिन में दूसरी बार भाजपा पर क्षेत्र में अशांति भड़काने का आरोप लगाया है। संदेशखालि के गांवों में फरवरी के पहले सप्ताह से महिलाओं के यौन उत्पीड़न और जमीन कब्जाने के आरोपों को लेकर विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं।