Advertisement

5 राज्यों के विधानसभा चुनाव नतीजे: राहुल को सबसे ज्यादा नुकसान, क्या अब कांग्रेस उनकी बात मानेगी

बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में वोटों की गिनती जा रही है। शाम 7 बजे तक के रूझानों से अब साफ हो...
5 राज्यों के विधानसभा चुनाव नतीजे:  राहुल को सबसे ज्यादा नुकसान, क्या अब कांग्रेस उनकी बात मानेगी

बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में वोटों की गिनती जा रही है। शाम 7 बजे तक के रूझानों से अब साफ हो गया है कि किस राज्य में किस पार्टी या गठबंधन की सरकार बनने वाली है। अब तक 16-17 राउंड की मतगणना हो चुकी है। रूझानों से साफ है बंगाल में टीएमसी ने हैट्रिक लगा दी है, असम में भाजपा तो केरल में एलडीएफ पर मतदाताओं ने दोबारा भरोसा जताया है। वह तमिलनाडु में डीएमके गठबंधन सरकार बनाने जा रहा है। जबकि पुडुचेरी में भाजपा गठबंधन वाला एनआरसी सरकार बना सकता है।

इन रूझानों में देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस कहीं नहीं दिखाई दे रही है। केवल एक राज्य तमिलनाडु में डीएमके नेतृत्व वाले गठबंधन की वजह से उसको सत्ता में जगह मिलती दिख रही है। नही तो हर जगह वह कहीं होड़ में नहीं दिख रही है।

सबसे पहले बंगाल की बात करते हैं, शाम 7 बजे तक के रूझानों से साफ है कि करीब 30 साल राज्य की सत्ता में काबिज रहने वाली कांग्रेस एक भी सीट जीतती हुई नहीं दिख रही है। जबकि वह यह चुनाव वामदलों के साथ मिलकर लड़ रही थी।

इसी तरह असम में पार्टी को उम्मीद थी कि एनआरसी जैसे मुद्दों के बल पर वह भाजपा को पटखनी दे देगी। लेकिन वहां भी वह रेस से बाहर हो गई है। रूझानों में उसके नेतृत्व वाले गठबंधन को केवल 48 सीटें मिलती हुई दिख रही है। जबकि भाजपा गठबंधन 76 सीटों पर आगे है।

पार्टी को सबसे ज्यादा उम्मीदें केरल से थी। क्योंकि वहां पर इतिहास रहा है कि सत्ताधारी दल अमूमन हार जाता है। लेकिन यहां भी उसे झटका लगा है और एलडीएफ दोबारा जीत रहा है। अहम बात यह है कि चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने सबसे ज्यादा जोर केरल में ही लगाया था। वह यहां वायनाड से सांसद भी है। लेकिन फिर भी पार्टी 42 सीटों पर सिमटती नजर आ रही है। जबकि एलडीएफ 97 सीटें जीतते दिख रहा है। जबकि भाजपा का खात नहीं खुला है।

कुछ इसी तरह पुडुचेरी में भी पार्टी अपने को नहीं संभाल पाई है। उसके नेतृत्व पिछली सरकार गिर गई और अब भाजपा नेतृत्व वाला गठबंधन एनआरसी बहुमत पाता दिख रहा है। 26 में से एनआरसी 13 जबकि कांग्रेस 8 पर आगे हैं। जबकि 6 सीटों के रूझान अभी नहीं आए हैं।

इसी तरह तमिलनाडु में कांग्रेस डीएमके के नेतृत्व में भले ही वह सरकार में आ जाए। डीएमके गठबंधन को 145 सीटें मिलती दिख रही हैं। लेकिन एक तो वह केवल 25 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। दूसरे रूझानों में भी उसके ज्यादार उम्मीदवार पीछे चल रहे हैं। ऐसे में सत्ता में वापसी भी उसका रसूख नहीं बढ़ा पाएगी।

क्या राहुल गांधी की बात मानेगी कांग्रेस

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि वह पार्टी के भीतर आंतरिक चुनावों के पक्षधर हैं और कार्यकर्ता ही यह तय करेंगे कि पार्टी का नेतृत्व किसे करना चाहिए। गांधी ने साथ ही इस बात पर भी जोर दिया कि पार्टी उनसे जो भी कहेगी, वह करेंगे। राहुल गांधी ने एक साक्षात्कार में कहा कि पार्टी के भीतर संगठनात्मक चुनाव समय पर होंगे, लेकिन अभी जरूरत इस बात की है कि जीवन बचाया जाए और महामारी को नियंत्रित किया जाए। कांग्रेस के 23 वरिष्ठ नेताओं के समूह द्वारा पार्टी का संगठनात्मक चुनाव जल्द कराने और पूर्णकालिक कांग्रेस अध्यक्ष की मांग पूर्व में की गई थी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व वाले इस समूह ने पिछले साल अगस्त में अपनी मांगों को लेकर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा था।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad