पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के दौरान लगातार हिंसात्मक घटनाएं सामने आ रही हैं। पंचायत चुनावों में सत्तारूढ़ टीएमसी और भाजपा के बीच स्थानीय प्रशासन पर नियंत्रण के लिए तनातनी है। अगले साल के लोकसभा चुनाव से पहले दोनों पार्टियों के लिए इसे एक अग्निपरीक्षा भी माना जा रहा है। चुनाव जीतने के लिए बल का प्रयोग भी कई मौकों पर सामने आया है। मतदान के बीच अलग-अलग जगह हुई हिंसक झड़पों में अबतक 11 लोगों की मौत की जानकारी सामने आई है। वहीं, कूचबिहार में एक पोलिंग बूथ में तोड़फोड़ और बैलेट पेपरों को आग लगाने की घटना भी सामने आई है।
पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए शनिवार को मतदान जारी है और राज्य में शुक्रवार रात से लेकर अब तक हुई चुनाव संबंधी हिंसा में नौ लोग मारे गए हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मारे गए लोगों में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पांच सदस्य, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेस के एक-एक कार्यकर्ता और एक निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थक शामिल है।
अधिकारियों ने कहा कि पश्चिम बंगाल में चुनाव संबंधी हिंसा में कम से कम 11 लोग मारे गए। दरअसल, राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए शनिवार को मतदान चल रहा है। अधिकारियों ने बताया कि मारे गए लोगों में टीएमसी के पांच सदस्य, भाजपा, सीपीआई (एम) और कांग्रेस के एक-एक कार्यकर्ता और एक निर्दलीय उम्मीदवार के समर्थक शामिल थे।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि टीएमसी के गुंडों और पुलिस की मिलीभगत है इसलिए इतनी हत्या हो रही हैं। ममता बनर्जी हिंसा के लिए ज़िम्मेदार है।
पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि पश्चिम बंगाल में पूरी व्यवस्था असंवैधानिक कामों में लग चुकी है। वहां की सरकार ना तो राज्यपाल के आदेश का सम्मान करती है और ना ही हाई कोर्ट के आदेश का। जब स्थानीय पुलिस और प्रशासन खुद ही पक्षपाती हो जाए और राजनीतिक दृष्टि से काम करे तो इसे संवैधानिक व्यवस्था नहीं कहा जाता है। लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है मगर वहां की सरकार जनाधार खो चुकी है और इसी डर में वो हिंसक प्रवृत्ति अपना रहे हैं।
तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि हिंसा की कई घटनाओं में उसकी पार्टी के तीन कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई है। टीएमसी ने ट्वीट किया, "चौंकाने वाली और दुखद घटनाओं से मतदान समुदाय सदमे में है। रेजीनगर, तुफानगंज और खारग्राम में हमारी पार्टी के तीन कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई है और डोमकोल में दो लोग गोली लगने से घायल हो गए हैं।"
एक लंबे ट्विटर पोस्ट में, टीएमसी ने लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहने के लिए केंद्रीय बलों को आड़े हाथों लिया। टीएमसी ने आगे कहा, "यह चुनाव शुरू होने से पहले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में उनकी भारी विफलता का संकेत देता है!" कूचबिहार के फलीमारी ग्राम पंचायत में एक मतदान केंद्र पर गुंडों के हमले में भाजपा उम्मीदवार के पोलिंग एजेंट माधव विश्वास की मौत हो गई। घायल होने के बाद उम्मीदवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, बूथ पर मतदान रोक दिया गया है।
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार के घर पर कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) कार्यकर्ताओं ने हमला किया। घटना दिनहाटा के बामनहाट द्वितीय ग्राम पंचायत के कालमाटी इलाके में घटी। घायलों का इलाज फिलहाल कूचबिहार के एक निजी अस्पताल में चल रहा है।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के दौरान और उसके बाद हिंसा की कई घटनाएं देखी गई। एक घटना में बीरभूम जिले के अहमदपुर में एक ब्लॉक विकास कार्यालय (बीडीओ) पर कथित तौर पर कच्चे बम फेंकना शामिल था। उधर, मालदा जिले में भी एक टीएमसी कार्यकर्ता की कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या कर दी गई।
दरअसल, मुर्शीदाबाद के खारग्राम में 52 वर्षीय टीएमसी कार्यकर्ता सतेशुद्दीन शेख की हत्या की गई, जिसके बाद बवाल मच गया। पहले, कांग्रेस के एक कार्यकर्ता फूलचंद की पंचायत चुनाव के नामांकन के दौरान हिंसा में मौत हो गई थी।
इधर, भाजपा उम्मीदवार ने उन पर बम फेंके जाने का आरोप लगाया है। उम्मीदवार माया बर्मन ने बताया, "टीएमसी के गुंडों ने मेरे एजेंट पर बम फेंका और उसे मार दिया। उन्होंने मुझ पर भी हमला किया।" पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के लिए मतदान शुरू हो गए हैं। बता दें कि अज्ञात उपद्रवियों ने कथित तौर पर 6/130 बूथ, बरविटा प्राइमरी स्कूल में तोड़फोड़ की।
सीताई, कूच बिहार के प्रथम मतदान पदाधिकारी, अशोक राय ने कहा, " कल रात 2 बजे एक दल के कुछ लोग आए और बैलेट बॉक्स में पानी डाला। इसके बाद सुबह 7 बजे एक अन्य दल के लोग आए और उन्होंने यहां पर तोड़फोड़ की।" वहीं, कदंबगाची ग्राम पंचायत के पिरगाचा में निर्दलीय प्रत्याशी के बूथ एजेंट की कथित तौर पर हत्या के बाद गांव के लोगों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सड़क पर प्रदर्शन किया।
बता दें कि पंचायत चुनाव एक ही चरण में होंगे और वोटों की गिनती 11 जुलाई को होगी। इन्हीं घटनाओं को देखते हुए केंद्रीय बलों के करीब 83 हजार जवानों की मतदान केंद्रों पर तैनाती की गई है। बता दें कि केंद्रीय बलों सहित 19 राज्यों की सशस्त्र पुलिस भी बंगाल में तैनात है।