अमित शाह ने चौरा चौरी की एक चुनावी सभा में इस संक्षिप्त नाम को उछालते हुए कहा था कि लोग कसब से दूसरा अर्थ न निकालें। कसब से उनका मतलब सिर्फ कांग्रेस, समाजवादी पार्टी एवं बहुजन समाज पार्टी से है। अमित शाह पर इस तंज के जरिए चुनाव को सांप्रदायिकता के रास्ते धकेलने का आरोप लगाया गया। उल्लेखनीय है कि 2008 में हुए मुम्बई हमले में कसाब ही एकमात्र आतंकवादी था जिसे जिंदा पकड़ा गया था। बाद में उसे फांसी दे दी गई थी। कसब ने एके 47 से लोगों को भून डाला था।
यूपी चुनाव में संक्षिप्त नाम का व्यंग खूब चला। पीएम मोदी ने इन तीनों पार्टियों को स्कैम ( घोटाला) का नाम दिया था। एस से समाजवादी पार्टी, सी से कांग्रेस और ए से अखिलेश। पीएम मोदी ने बहुजन समाज पार्टी को बेहनजी समाजपार्टी का नाम भी दिया था।