शनिवार को भाजपा में शामिल होने के बाद बरखा सिंह ने कहा कि वह भाजपा किसी पद के लालच में नहीं आई हैं बल्कि उन्हें मोदी सरकार की नीतियां पसंद हैं। महिला कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद उन्होंने कहा था कि वह पार्टी में रहकर ही लड़ाई लड़ेंगी। तब बरखा सिंह ने कहा था कि राहुल गांधी पार्टी नेताओं से मुलाकात नहीं करते। आखिर राहुल अपने ही सदस्यों से मीटिंग करने में क्यों डरते हैं।
बरखा ने कहा कि यही कारण है कि कई सीनियर लीडर पार्टी छोडक़र चले गए। राहुल और माकन के इसी रवैए के चलते पांच जिला अध्यक्ष व 75 ब्लॉक अध्यक्ष संगठन से इस्तीफा दे चुके हैं।
मालूम हो कि इससे पहले दिल्ली के पूर्व मंत्री अरविंदर सिंह लवली व पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष अमरीश गौतम भी पार्टी छोडक़र भाजपा का दामन थाम चुके हैं।