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महागठबंधन को 178 सीटें, भाजपा की करारी हार

बिहार चुनाव में नीतीश-लालू के महागठबंधन को शानदार जीत मिली जबकि भाजपा नेतृत्‍व वाले एनडीए का सफाया हो गया है। नीतीश कुमार एक बार फिर राज्‍य के मुख्‍यमंत्री बनने जा रहे हैं। बिहार के साथ-साथ देश की राजनीतिक दिशा-दशा तय करने वाले इन चुनावों में महागठबंधन ने 178 सीटें हासिल की हैं जबकि एनडीए के खाते में सिर्फ 58 सीटें आई हैं। भाजपा खिसक कर तीसरे नंबर पर आ गई है। लालू यादव की राजद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।
महागठबंधन को 178 सीटें, भाजपा की करारी हार

बिहार विधानसभा की सभी 243 सीटों के परिमाण घोषित हो चुके हैं। नीतीश-लालू-कांग्रेस के महागठबंधन को 178 सीटें मिली हैं जो दो-तिहाई बहुमत से कहीं ज्‍यादा हैं। चुनावों में भाजपा व इसके सहयोगी दलों की बुरी तरह हार हुई। एनडीए को सिर्फ 58 सीटें मिली हैं। लंबे अरसे बाद बिहार में कांग्रेस की भी वापसी हुई है। कांग्रेस ने 27 सीटें जीतकर सबको चौंका दिया है। 41 सीटों पर चुनाव लड़ी कांग्रेस के बारे में पीएम मोदी ने कहा था कि ये सीटें तो महागठबंधन ने उन्‍हें गिफ्ट कर दी हैं।   

लालू प्रसाद यादव की राष्‍ट्रीय जनता दल 80 सीटों के साथ सबसे आगे रही है। नीतीश कुमार के जदयू को 71 सीटें मिली हैं। उधर, एनडीए में शामिल भाजपा के खाते में सिर्फ 53 सीटें आई हैं। भाजपा के लिए यह बड़ी शिकस्‍त है। एनडीए में शामिल भाजपा के सहयोगी दलों का प्रदर्शन भी बेहद खराब रहा। रामविलास पासवान और उपेंद्र कुशवाह की पार्टी सिर्फ दो-दो सीटें हासिल कर पाईं हैं जबकि जीतनराम मांझी एक सीट तक सिमटकर रह गए हैं। पप्‍पू यादव और ओवैसी की पार्टियों का खाता भी नहीं खुल पाया। वामपंथी दलों में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्ससिस्ट-लेनिनिस्ट)(लिबरेशन) को तीन सीटें मिली हैं। 

कुल मिलाकर नीतीश कुमार के चेहरे, उनके विकास के दावों और लालू के वोट वैंक का जादू खूब चला है जबकि भाजपा की चुनावों काे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश बुरी तरह नाकाम रही है। ये नतीजे केंद्र की मोदी सरकार पर भी सवाल खड़े करते हैं क्‍योंकि भाजपा ने यह चुनाव मोदी के नाम पर लड़ा था। भाजपा व सहयोगी दलों के इस हश्र से भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह के चुनावी मैनेजमेंट की हवा भी निकल गई है। माना जा रहा है कि आरक्षण की समीक्षा संबंधी संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान, गोमांस को मुद्दा बनाने की कोशिश और मोदी व अमित शाह की बयानबाजी भाजपा के खिलाफ गई। 

बिहार चुनाव के इन परिणामों में राष्‍ट्रीय स्‍तर पर विपक्ष की राजनीति में प्राण फूंक दिए हैं। जीत के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिशों को जनता ने नकार दिया है।इससे पता चलता है कि सभी वर्ग के लोगों की उनसे कुछ अपेक्षाएं हैं और उन्हें पूरा करने के लिए वह अपनी तरफ से भरपूर प्रयास करेंगे। 

बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम 

 दल   
राजद  80
जदयू  71
कांग्रेस  27
महागठबंधन 178
भाजपा  53
लोजपा  2
रालोसपा  2
हम -सेक्‍युलर  1
एनडीए  58
अन्‍य 7
कुल  243

 

गलत निकला टुडेज चाणक्‍य, मांगी माफी 

अपने सटीक अनुमान के लिए चर्चित रहे टुडेज चाणक्‍य का एग्जिट पोल बिहार में बिल्‍कुल गलत निकला है। टुडेज चाणक्‍य ने एनडीए को 155 सीटें मिलने का अनुमान लगाया था लेकिन अब भाजपा 50 सीटों में सिमटती दिख रही है। अपने गलत अनुमान के लिए टुडे चाणक्‍य ने माफी मांगी है। 

ज्‍यादातर एग्जिट पोल महागठबंधन और एनडीए के बीच कांटे की टक्‍कर में नीतीश कुमार का पलड़ा भारी बता रहे थे। लेकिन महागठबंधन की ऐसी शानदार जीत का दावा सिर्फ एक एग्जिट पाेल ने किया था। लेकिन विडंबना देखिए महागठबंधन को 169-183 सीटें देने वाले एक्सिस-माय इंडिया के एग्जिट पोल को आखिरी समय में टीवी चैनल ने दिखाने से इंकार कर दिया था। कहा जा रहा है कि जिस चैनल पर यह एग्जिट पोल दिखाया जाना था, उसे इन अप्रत्‍याशित आंकड़ों पर यकीन ही नहीं हुआ।   

 

 

 

 

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