इस सीट के लिए मतदाता 23 फरवरी को मतदान करेंगे। 43 वर्षीय नंदी समाजवादी पार्टी के मौजूदा विधायक हाजी परवेज के हाथों 2012 में मिली हार का बदला चुकाने के इरादे से मैदान में उतरेंगे। नंदी को परवेज के हाथों 400 मतों से भी कम के अंतर से हार झेलनी पड़ी थी।
नंदी को तीन साल पहले निष्कासित करने वाली बसपा ने अल्पसंख्यक समुदाय के उम्मीदवारों की संतोषजनक संख्या को टिकट देने की रणनीति के तहत मसहूद खान को उम्मीदवार बनाया है।
नंदी बसपा से निकाले जाने के बाद कांग्रेस में शामिल हुए थे और उन्होंने पिछले महीने ही पार्टी छोड़ी। समाजवादी पाटर्ी से गठबंधन के कारण कांग्रेस ने परवेज को समर्थन दिया है।
नंदी ने जब वर्ष 2007 में पहली बार चुनाव लड़ा था, तब उन्होंने भाजपा के हाथों से यह सीट छीन ली थी। भाजपा वर्ष 1989 से इस सीट पर जीत हासिल करती आई थी। नंदी ने उस समय पांच बार के विधायक केसरीनाथ त्रिापाठी को 14,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया था।
एजेंसी