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उत्तर प्रदेश में 80 लोकसभा सीट जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही भाजपा ने मौजूदा सांसदों पर जताया भरोसा

लोकसभा चुनाव के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा 51 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा किये...
उत्तर प्रदेश में 80 लोकसभा सीट जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही भाजपा ने मौजूदा सांसदों पर जताया भरोसा

लोकसभा चुनाव के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा 51 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा किये जाने के बाद उत्तर प्रदेश में आगामी चुनावी मुकाबले की राजनीतिक तस्वीर साफ होती जा रही है।

उत्तर प्रदेश में ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलाइंस’ (इंडिया) के प्रमुख घटक समाजवादी पार्टी (सपा) ने अब तक 31 सीटों पर अपनी उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं। सपा ने वाराणसी सीट पर भी अपना उम्मीदवार उतारा था लेकिन बाद में ‘इंडिया’ गठबंधन के तहत सीटों के बंटवारे के कारण वह सीट कांग्रेस को दे दी गई है।

कांग्रेस ने अपने कार्यकर्ताओं द्वारा पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी और मौजूदा राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को क्रमशः अमेठी और रायबरेली सीटों से मैदान में उतारने की मांग के बीच अभी तक अपने उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं की है।

समझौते के मुताबिक सपा उत्तर प्रदेश की 80 में से 63 सीटों पर जबकि कांग्रेस बची हुई 17 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। रायबरेली, अमेठी और वाराणसी के अलावा जिन अन्य सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी उनमें कानपुर शहर, फतेहपुर सीकरी, बांसगांव, सहारनपुर, प्रयागराज, महराजगंज, अमरोहा, झांसी, बुलंदशहर, गाजियाबाद, मथुरा, सीतापुर, बाराबंकी और देवरिया शामिल हैं।

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी वर्तमान में रायबरेली से सांसद हैं जबकि राहुल गांधी 2019 के चुनाव में अपनी अमेठी सीट भाजपा नेता स्मृति ईरानी से हार गए थे।

केंद्र में लगातार तीसरी बार सत्ता बरकरार रखने का लक्ष्य रखते हुए भाजपा ने अपने मौजूदा सांसदों पर खासा भरोसा जताया है और वह राजनीतिक लिहाज से सबसे अहम माने जाने वाले राज्य उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटें जीतने के लक्ष्य पर काम कर रही है।

भाजपा की पहली सूची में उल्लेखनीय नामों में वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लखनऊ से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मथुरा से हेमा मालिनी, खीरी से अजय मिश्रा टेनी, अमेठी से स्मृति ईरानी, फैजाबाद (अयोध्या) से लल्लू सिंह और चंदौली से महेंद्र नाथ पांडे शामिल हैं।

भाजपा उम्मीदवारों की फेहरिस्त में शामिल नए शहरों में श्रावस्ती से साकेत मिश्रा, जौनपुर से कृपा शंकर सिंह और अंबेडकरनगर से रितेश पांडे शामिल हैं।

साकेत मिश्रा मौजूदा समय में विधान परिषद सदस्य हैं और वह श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष और प्रधानमंत्री मोदी के पूर्व प्रमुख सचिव नृपेंद्र मिश्रा के बेटे हैं।

कृपा शंकर कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं। अंबेडकर नगर से मौजूदा सांसद रितेश पांडे ने हाल ही में बहुजन समाज पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थामा था।

पीलीभीत और सुल्तानपुर के लिए उम्मीदवारों की घोषणा अभी बाकी है। वर्तमान में पीलीभीत सीट से वरुण गांधी और सुल्तानपुर से उनकी मां मेनका गांधी भाजपा सांसद हैं।

प्रधानमंत्री मोदी लगातार तीसरी बार वाराणसी से चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने 2014 और 2019 में पिछले दो चुनाव इसी सीट से क्रमश: 3.71 लाख और 4.79 लाख वोटों के बड़े अंतर से जीते थे।

इसके अलावा साल 2014 और 2019 के चुनावों में क्रमशः 2.72 लाख और 3.47 लाख वोटों के अंतर से जीतने के बाद राजनाथ सिंह तीसरी बार लखनऊ से फिर से चुनाव लड़ेंगे।

भाजपा ने खीरी सीट से सांसद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी पर फिर भरोसा जताया है। मिश्रा तीन अक्टूबर 2021 को हुई हिंसा को लेकर विवादों में थे जिसमें उनके बेटे आशीष मिश्रा ने लखीमपुर खीरी में विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों पर कथित रूप से अपनी कार चढ़ा दी थी। मिश्रा ने पार्टी के लिए 2014 और 2019 में खीरी निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव जीता था।

गांधी-नेहरू परिवार का सियासी गढ़ मानी जाने वाली अमेठी सीट पर भी भाजपा ने स्मृति ईरानी पर एक बार फिर भरोसा जताया है। ईरानी ने 2019 के चुनाव में तत्कालीन सांसद राहुल गांधी को 55,000 से अधिक मतों के अंतर से हराकर कांग्रेस को बड़ा झटका दिया था।

हालांकि, भाजपा ने अभी तक रायबरेली सीट से अपने उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं किया है। ऐसी अटकलें हैं कि वह रायबरेली जिले की ऊंचाहार सीट से सपा विधायक मनोज कुमार पांडे को मैदान में उतार सकती है। पांडे ने हाल ही में राज्य विधानसभा में सपा के मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा दे दिया था और राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी।

सपा अब तक अपने उम्मीदवारों की तीन सूचियां जारी कर चुकी है और डिंपल यादव को मैनपुरी से जबकि शिवपाल यादव को बदायूं सीट से टिकट दिया गया है।

करहल सीट से विधायक सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी कन्नौज या आज़मगढ़ सीट से चुनाव लड़ सकते हैं।

पार्टी ने कैराना सीट से पूर्व सांसद तबस्सुम हसन की बेटी इकरा हसन को मौका दिया है, जबकि बरेली सीट से प्रवीण सिंह एरन और गाजीपुर सीट से अफजाल अंसारी को टिकट दिया है।

सपा की पहली सूची में संभल से सांसद शफीकुर रहमान बर्क का नाम भी शामिल है, जिनका हाल ही में निधन हो गया है। पार्टी को अब यहां नया उम्मीदवार घोषित करना होगा। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने अभी तक अपने प्रत्याशियों की सूची घोषित नहीं की है।

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। उस चुनाव में सपा को पांच और बसपा को 10 सीटें मिली थीं। भाजपा और उसके सहयोगी दलों को 64 सीटें हासिल हुई थीं।

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