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उपचुनाव: भाजपा का पत्ता साफ, राणे भी हारे

देश के अलग-अलग हिस्सों में हुए उपचुनाव में भाजपा का खाता भी नहीं खुल सका। महाराष्ट्र में हुए विधानसभा उपचुनाव में मुंबई उपनगर की बांद्रा (पूर्व) सीट से महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे भी अपनी सीट नहीं बचा सके।
उपचुनाव: भाजपा का पत्ता साफ, राणे भी हारे

 वह तृप्ति सावंत से 19,000 से अधिक मतों से हार गए। उधर, उत्तराखंड की भगवानपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज कर बहुमत का आंकड़ा छू लिया है। उपचुनाव में करारी हार के बाद नारायण राणे के समर्थकों और शिवसेना के समर्थकों के बीच तीखी झड़पें भी हुईं।

सांगली जिले में तासगांव कवठे-महांकाल विधानसभा सीट पर उपचुनावों में एनसीपी की उम्मीदवार सुमन पाटिल ने 1.12 लाख वोटों से जीत दर्ज की है। सुमन एनसीपी के दिवंगत वरिष्ठ नेता आर आर पाटिल की पत्नी हैं। 
शिवसेना की उम्मीदवार तृप्ति सावंत पूर्व दिवंगत विधायक बाला सावंत की पत्नी हैं और बाला सावंत के निधन के कारण बांद्रा (पूर्व) में उपचुनाव करवाने पड़े। मतगणना के तीसरे दौर तक सावंत को 45,123 वोट मिले, जबकि राणे के खाते में 28,433 वोट एवं ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलीमीन के उम्मीदवार रहबर खान को 10,571 वोट मिले थे। इस बड़ी बढ़त के साथ ही सावंत की जीत सुनिश्चित हो गई थी।

पिछले सप्ताह 11 अप्रैल को हुए विधानसभा उपचुनाव में ममता को 59,205 मत हासिल हुए, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी को केवल 22,296 वोट ही मिल पाए। पिछले साल हुए लोकसभा चुनावों में प्रदेश से पांचों सीटें गंवाने के बाद मुख्यमंत्री हरीश रावत की अगुवाई में कांग्रेस ने विधानसभा उपचुनावों में लगातार चौथी जीत हासिल की है।

 पिछले साल जुलाई में हुए उत्तराखंड में विधानसभा उपचुनावों में सत्ताधारी कांग्रेस ने तीनों सीटों पर बीजेपी को परास्त करते हुए विजय हासिल की थी। इनमें से दो सीटें उसने बीजेपी के कब्जे से छीनी थी, जबकि धारचूला सीट पर मुख्यमंत्री रावत ने स्वयं चुनाव जीता था।

ममता उत्तराखंड के दिवंगत कैबिनेट मंत्री सुरेंद्र राकेश की पत्नी हैं जिनकी फरवरी में कैंसर से मौत हो गई थी। यह सीट राकेश के निधन से खाली हुई थी। 

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