मेघालय विधानसभा चुनाव के नतीजे जैसे-जैसे साफ हो रहे हैं, वहां सियासी हलचल बढ़ती जा रही है। राज्य में कांग्रेस एक सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर सकती है, इस फैसले को लेकर पार्टी ने आज दो वरिष्ठ नेताओं को पूर्वोत्तर राज्य में सरकार बनाने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए रवाना कर दिया है। अब तक मिले रुझानों से कांग्रेस, बीजेपी और एनपीपी के बीच वहां कड़ी टक्कर है।
कांग्रेस ने अहमद पटेल और कमलनाथ को शिलॉग भेज दिया है ताकि सरकार बनाने में पार्टी अपने सारे हथियारों का इस्तेमाल कर सके। मेघालय में वोटों की गिनती जारी है और कांग्रेस यहां आगे चल रही है। यहां एनपीपी कांग्रेस को कड़ी टक्कर दे रही है। एनपीपी यहां की स्थानीय पार्टी है और वह भाजपा की सहयोगी दल है, हालांकि भाजपा और एनपीपी अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं।
पीटीआई के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि पटेल और नाथ दोपहर बाद शिलांग पहुंच जाएंगे और पार्टी के नेताओं के साथ चर्चा करेंगे। इस चर्चा में निवर्तमान मुख्यमंत्री मुकुल संगमा भी शामिल होंगे। मेघालय उन पांच राज्यों में से एक है, जहां वर्तमान में कांग्रेस की सरकार है। अन्य राज्य हैं पंजाब, कर्नाटक, मिजोरम और पुडुचेरी।
ऐसा कहा जा रहा है कि अपनी पुरानी गलतियों से सबक सीखते हुए कांग्रेस ने चुनाव के नतीजे आने से पहले ही पार्टी के शीर्ष नेता अहमद पटेल और कमलनाथ को मेघालय भेज दिया है। गोवा और मणिपुर चुनाव नतीजे आने के बाद जिस तरह से कांग्रेस की लेट-लतीफी के चलते वह राज्य में अपनी सरकार बनाने में विफल रही थी, उसके बाद अब पार्टी मेघालय में जोखिम नहीं लेना चाहती है।
गोवा-मणिपुर में सरकार नहीं बना पाई थी कांग्रेस
गोवा और मणिपुर में कांग्रेस ने बेहतर प्रदर्शन किया था, बावजूद इसके वह सत्ता में नहीं पहुंच सकी। दोनों ही राज्यों में पार्टी सबसे बड़े दल के रूप में सामने आई थी, लेकिन वह सरकार बनाने में विफल रही है। इसकी बड़ी वजह यह थी कि पार्टी के दिग्गज नेता सुस्ती की वजह से अन्य दलों को अपने साथ लाने में विफल रहे थे। जबकि भाजपा ने समय रहते ही इन दलों को अपने पाले में कर लिया और सरकार बनाने में सफल रही। ऐसे में पार्टी ने कमलनाथ और अहमद पटेल को आखिरी समय में मेघालय भेजा है ताकि किसी भी तरह की स्थिति से निपटा जा सके।