मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए सभी 230 सीटों पर शाम 6 बजे तक 74.61 फीसदी मतदान हुआ। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने ईवीएम में शिकायतों का भी सवाल उठाया।
कमलनाथ ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा, ‘आज के चुनाव की खासियत ये है कि दो चीजें शांति से निपट गईं। एक तो चुनाव और दूसरी बीजेपी।‘ उन्होंने कहा, ‘मैंने कहा था हम 140 सीटें जीतेंगे लेकिन जिस तरह की वोटिंग हुई है और जैसी सूचनाएं आ रही हैं, परिणाम चौंकाने वाले हो सकते हैं।‘
ईवीएम मशीनों पर कमलनाथ ने कहा, 'जिन पोलिंग बूथ पर मतदान 3 घंटों या ज्यादा समय तक बाधित रहा वहां हमने दोबारा चुनाव कराने की मांग की है क्योंकि लोग वोटिंग के लिए वापस नहीं आते हैं। उन्हें दूसरे भी काम होते हैं। सिर्फ यह कहना सही नहीं है कि वोटिंग का समय 9 बजे या 10 बजे तक कर दिया गया है।‘
ईवीएम खराब होने पर कांग्रेस ने उठाए थे सवाल
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और कमलनाथ ने दिन में ईवीएम खराबी को लेकर सवाल उठाए थे। साथ ही चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग की थी।
मध्य प्रदेश के इंदौर, ग्वालियर,छतरपुर, महाराजपुर, भिंड, खरगौन और राजगढ़ विधानसभा सीट पर ईवीएम में खराबी की शिकायतें मिलीं। ईवीएम में खराबी के कारण कई जगह मतदान रुका। हालांकि इनमें से कई मतदान केन्द्रों में दोबारा वोटिंग शुरू हुई।
ईवीएम में आई खराबी को लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि कई ऐसे मतदान केंद्रों पर जो कांग्रेस के पक्ष के हैं ईवीएम खराब होने के समाचार आ रहे हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि कांग्रेस के पोलिंग एजेन्ट्स को दो बातों का ध्यान रखना चाहिये।-
1- जो मशीन खराब होती है और जो उसके स्थान पर बदली जाती है उनके नम्बर जरूर नोट कर लें।
2- जो नयी मशीन आती है उसे वोटिंग चालू करने के पूर्व 50-100 वोट डाल कर चेक जरूर करें।
चुनाव आयोग करे जल्द कार्रवाई: कमलनाथ
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा, “ईवीएम मशीन खराब व बंद की जानकारी सामने आ रही है। इससे मतदान प्रभावित हो रहा है। मतदान केंद्रो पर लम्बी लाइनें लग गयी है। इतनी बड़ी गड़बड़ी कैसे चुनाव आयोग अविलंब इस पर निर्णय ले। तत्काल बंद मशीनों को बदले।”
सिंधिया ने समय बढ़ाने की मांग की, EC ने स्थानीय अधिकारियों पर छोड़ा
मतदान के मद्देनजर ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतों को लेकर कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने चुनाव आयोग से मतदान का समय बढ़ाने की मांग की थी।
इस पर मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि मतदान का समय बढ़ाने का फैसला स्थानीय अधिकारी ले सकते हैं और इस मामले को चुनाव आयोग को सुलझाने की जरूरत नहीं है।