मध्य प्रदेश के सतना जिले की चित्रकूट विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने कब्जा जमा लिया है। कांग्रेस के नीलांशु चतुर्वेदी ने भाजपा के शंकरलाल त्रिपाठी को करीब 14 हजार मतों के अंतर से पराजित किया है। चतुर्वेदी को 66,810 और त्रिपाठी को 52,677 वोट मिले हैं। नीलांशु राजपरिवार से हैं और पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष रह चुके हैं। स्थानीय लोग उन्हें लोग 'चौबे राजा' कहते हैं। नौ नवंबर को यहां वोट डाले गए थे। 65 फीसद मतदान हुआ था। 12 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे थे।
नतीजे आने के बाद कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट कर चित्रकूट की जनता का आभार जताते हुए कांग्रेस प्रत्याशी और कार्यकर्ताओं को बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि अटेर के बाद अब चित्रकूट की जीत से स्पष्ट है कि प्रदेश अब भाजपा के कुशासन से मुक्ति चाहता है।
वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जनमत ही लोकतंत्र का असली आधार है। चित्रकूट के विकास में किसी तरह की कमी नहीं होगी। प्रदेश के कोने-कोने का विकास ही मेरा परम ध्येय है। मध्यप्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में इस नतीजे से शिवराज को जोरदार झटका लगा है। इसी साल 29 मई को कांग्रेस विधायक प्रेम सिंह (65) के निधन के कारण यह सीट खाली हुई थी। उपचुनाव में कांग्रेस से यह सीट छीनने के लिए भाजपा ने पूरी ताकत झोंक रखी थी।
पिछले 27 सालों में इस सीट पर हुए 6 चुनावों में भाजपा महज एक बार ही वो भी केवल 722 वोटों से जीत सकी थी। इसलिए दूसरी बार इस सीट से कमल खिलाने के लिए खुद शिवराज ने मोर्चा संभाल रखा था। लेकिन, उन्होंने भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में जिन इलाकों में चुनावी सभाएं की थीं, उनमें अधिकांश जगह पर कांग्रेस के उम्मीदवार को बढ़त मिली है। मुख्यमंत्री ने चित्रकूट विधानसभा चुनाव के लिए अर्जुनपुर, बरौधा, प्रतापगंज, हिरौधी, पिडरा, मझगवा में चुनावी सभाओं को संबोधित किया था। यहां सभी जगह पर भाजपा प्रत्याशी शंकर दयाल त्रिपाठी पिछड़ गए।
उपचुनाव के दौरान तुर्रा गांव में मुख्यमंत्री ने रात बिताई थी और एक आदिवासी के घर खाना खाया था। सीएम के इस कदम से तुर्रा गांव सहित आसपास के मतदाताओं का मूड बदलने की उम्मीद थी। लेकिन, मुख्यमंत्री के आने से ठीक पहले गांव के सरपंच के घर पर टॉयलेट बनाने और उसे उखाड़ने के मामले से जनता इतनी उखड़ गई यहां भी भाजपा उम्मीदवार को हार कस सामना करना पड़ा। इतना ही नहीं भाजपा प्रत्याशी त्रिपाठी अपने ससुराल सिंहपुर में भी हार गए।
शिवराज के अलावा सतना सांसद गणेश सिंह, प्रदेश के खनिज मंत्री और चित्रकूट के चुनाव प्रभारी राजेंद्र शुक्ला, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नन्द कुमार सिंह चौहान, चुनाव प्रभारी राजेंद्र शुक्ला, सतना जिले के प्रभारी मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे, प्रदेश भाजपा महामंत्री वी डी शर्मा की साख भी दांव पर थी। कांग्रेस की तरफ से इस सीट पर नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल, पूर्व मंत्री राजा पटेरिया , वरिष्ठ नेता महेंद्र सिंह चौहान, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, सांसद कमलनाथ ने मोर्चा संभाल रखा था।