राजस्थान विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ भाजपा को हराकर बाहर करने वाली कांग्रेस ने अधिक सीटें ही नहीं जीतीं बल्कि वह अपने वोटों में भी खासी बढ़ोतरी करने में कामयाब रही है।
इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 200 में से 195 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। इसमें वह 2013 की तुलना में 78 सीटों के फायदे के साथ 99 सीटें मिली हैं। इस दौरान कांग्रेस का मत प्रतिशत भी 5.59 बढ़ा है।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, कांग्रेस ने 2013 में 33.71 फीसदी मतों के साथ 21 सीटें जीती थीं जबकि इन चुनावों में उसने 39.3 फीसदी मतों के साथ 99 सीटों पर जीत दर्ज की है। यानी सीटों और मतों दोनों में उसे फायदा हुआ है।
भाजपा को लगा करारा झटका
वहीं, 2013 में 163 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई भाजपा को इस बार सीटों और मतों में करारा झटका लगा है। उसका मत 46.05 से घटकर 38.8 फीसदी रह गया है। यानी उसके वोटों में 7.25 फीसदी की कमी आई है। इसके साथ ही भाजपा को 90 सीटों का नुकसान हुआ है और उसके विधायकों की संख्या घटकर 73 रह गयी है।
इस चुनाव में राज्य के चार करोड़ से ज्यादा मतदाताओं ने भाग लिया और अंतिम मतदान 74.69 फीसदी रहा। इसमें कांग्रेस को कुल 1,39,35,201 मत और भाजपा को 1,37,57,502 मत मिले। कांग्रेस को 1,77,699 मत अधिक मिले और भाजपा की तुलना में उसकी सीटें 26 ज्यादा आई हैं।
अन्य दलों के वोटों में हुआ इजाफा
सके अलावा अन्य दलों में बहुजन समाज पार्टी चार फीसदी वोट शेयर के साथ छह सीटें जीतने में कामयाब रही है। 2013 में उसकी तीन सीटें थी और उसका मत भी .56 फीसदी बढा है। माकपा ने दो सीटें जीती हैं जबकि 2013 में उसका कोई उम्मीदवार नहीं जीत पाया था। हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को 2.4 फीसदी मत मिले लेकिन सीटें दो ही उसके खाते में आईं। इस बार 9.5 फीसदी मतों के साथ 13 निर्दलीय जीते हैं जबकि 2013 में 8.37 फीसदी मतों के साथ सात ऐसे उम्मीदवार ही विधायक बने थे।