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कर्नाटक में वोटों की गिनती कल, भाजपा-कांग्रेस ने किए जीत के दावे

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती मंगलवार को की जाएगी। वोटों की गिनती से पूर्व सोमवार को...
कर्नाटक में वोटों की गिनती कल, भाजपा-कांग्रेस ने किए जीत के दावे

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती मंगलवार को की जाएगी। वोटों की गिनती से पूर्व सोमवार को सत्तारूढ़ कांग्रेस ने जहां वापसी का दावा किया है वहीं भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि कांग्रेस की राज्य में हार होनी तय है। कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत और वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद हालात पर नजर रखने के लिए बेंगलूरू पहुंच गए हैं। यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि राज्य में विधानसभा त्रिशंकू हो सकती है। ऐसे में जनता दल (सेक्युलर) पर दोनों दलों की निगाहें रहेंगी।

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राज्य में कांग्रेस की जीत पक्की है। उन्होंने कहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने गुजरात में भी कहा था कि उनकी पार्टी 150 सीटें जीतेगी। लेकिन उन्होंने कितनी सीटें जीतीं? मुझे इस बात से कोई मतलब नहीं है कि वे कितनी सीटें जीतते हैं। आजाद ने कहा कि जिसने कदाचार किया हो वही सीटों को लेकर इतना आश्वस्त हो सकता है।


वहीं, भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री के प्रत्याशी के तौर पर पेश किए गए बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि उन्होंने (सिद्धरमैया) ने यह बात (दलित के लिए मुख्यमंत्री पद छोड़ने वाला बयान) 10 से 15 दिन पहले क्यों नहीं कही। उन्हें पता है कि वे जंग हारने जा रहे हैं। भाजपा नेता ने दावा किया कि हमलोग सरकार बनाने जा रहे हैं और कल प्रधानमंत्री से मिलने दिल्ली जाएंगे।


इस बीच, योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा है कि कर्नाटक चुनाव भारतीय राजनीति को नई दिशा देने वाला होगा। यहां के विजेता के पास 2019 में चुनाव जीतने की क्षमता होगी।

राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा की 222 सीटों पर 12 मई को मतदान हुआ था। आरआर नगर सीट पर चुनावी गड़बड़ी की शिकायत के चलते मतदान स्थगित कर दिया गया था। जयनगर सीट पर भाजपा उम्मीदवार के निधन के चलते मतदान टाल दिया गया था। चुनाव कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि मतगणना लगभग 40 केंद्रों पर सुबह आठ बजे शुरू होगी। रुझान एक घंटे के भीतर आने शुरू हो सकते हैं और चुनाव परिणाम देर शाम तक स्पष्ट होंगे।

यदि कांग्रेस के पक्ष में स्पष्ट जनादेश जाता है तो 1985 के बाद यह पहली बार होगा जब कोई दल लगातार दूसरी बार सरकार बनाएगा। 1985 में तत्कालीन जनता दल ने रामकृष्ण हेगड़े के नेतृत्व में लगातार दूसरी बार सरकार बनाई थी। यह हालांकि अभी अस्पष्ट है कि कांग्रेस के जीतने की स्थिति में पिछड़ा वर्ग से आने वाले सिद्धरमैया मुख्यमंत्री होंगे या नहीं। कांग्रेस ने हालांकि कहा था कि चुनाव में सिद्धरमैया ही उसका चेहरा होंगे , लेकिन उसने यह घोषणा नहीं की कि पार्टी की जीत की स्थिति में मुख्यमंत्री भी वही होंगे।

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