जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लगने के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को पहली बार जम्मू में रैली की। उन्होंने कहा कि भाजपा के लिए सरकार नहीं बल्कि जम्मू और कश्मीर का विकास और उसकी सुरक्षा एक मात्र उद्देश्य है। शाह ने कहा कि जो 70 साल में नहीं हुआ वह मोदी सरकार ने जम्मू और कश्मीर के विकास के लिए करने का प्रयास किया लेकिन राज्य की सरकार द्वारा कोई विकास का कार्य आगे नहीं बढ़ाया।
उन्होंने कहा कि मैं राज्य की जनता को आश्वस्त करना चाहता हूं, कांग्रेस पार्टी कितना भी षड्यंत्र करले लेकिन कोई भी जम्मू और कश्मीर को भारत से अलग नहीं कर सकता। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस के नेता कश्मीर के संबंध में जो बयान देते हैं और उनके बोलते ही लश्कर-ए-तैयबा उसका समर्थन कर देता है।
शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के कहा कि वह इस बात का जवाब दें कि आपके नेता के बयान को लश्कर-ए-तैयबा समर्थन कर रहा है, यह कांग्रेस और लश्कर-ए-तैयबा के बीच में किस प्रकार का रिश्ता है? उन्होंने कहा कि आज पूरा देश राहुल गांधी से जानना चाहता है कि ये कौन सा रिश्ता है जो लश्कर-ए-तैयबा और गुलाम नबी आजाद के विचार एक समान हो जाते हैं।
उन्होंने कहा कि सैफुद्दीन सोज साहब, भाजपा कभी जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग नहीं होने देगी। जम्मू-कश्मीर हिंदुस्तान का अटूट हिस्सा है। डॉ. श्यामा प्रसाद मुख़र्जी ने इससे अपने खून से सींचा है। शाह ने कहा कि आज जम्मू-कश्मीर पूरे भारत के साथ जुड़ा है तो वह डॉ. मुखर्जी के बलिदान के कारण है।
उन्होंने कहा कि डॉ. मुखर्जी द्वारा किए गए आंदोलनों और उनके बलिदान का ही परिणाम है जिसने राज्य से परमिट व्यवस्था को समाप्त किया।