राष्ट्रपति चुनाव आम चुनावों की तरह नहीं होता। हमारे देश में राष्ट्रपति का चुनाव एक इलेक्टोरल कॉलेज करता है, इसके सदस्यों का प्रतिनिधित्व भार होता है। जानते हैं इससे जुड़ी कुछ अहम बातें।
-राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार को निश्चित समय के भीतर चुनाव आयोग में अपना नामांकन दर्ज करना आवश्यक होता है। राष्ट्रपति पद का नामांकन भरने के लिए उम्मीदवार के पास मतदाताओं में से 50 प्रस्तावकों और 50 अनुमोदकों के हस्ताक्षर होते हैं।
-राष्ट्रपति चुनाव में नामांकन दर्ज करने के लिए उम्मीदवारों को चुनाव आयोग के पास अपने नामांकन पत्र के साथ 15000 रुपये जमानत राशि के तौर पर में जमा कराना होता है।
-राष्ट्रपति के चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों के साथ-साथ देश के सभी विधानसभा और विधान परिषद के चुने हुए सदस्य मतदान में भाग ले सकते हैं। लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में नोमिनेटेड सदस्यों को वोट देने का अधिकार नहीं होता है।
-चुने हुए लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों के वोटों का मूल्य फिक्स होता है। एक सांसद के वोट का मूल्य 708 होता है।
-वहीं विधायकों के मामले में जिस राज्य का विधायक हो उसकी 1971 की जनगणना के हिसाब से जनसंख्या देखी जाती है। फिर जनसंख्या को को चुने हुए विधायकों की संख्या से भाग दिया जाता है, अब जितना रिजल्ट आए उसकों 1000 से भाग किया जाता है। अब जो आंकड़ा हाथ लगता है, वही उस राज्य के एक विधायक के वोट का मूल्य होता है।