राज्य के ग्राम पंचायतों और जिला पंचायतों में अधिकांश सीटें कांग्रेस ने भाजपा से छीन ली है। यह देखते हुए कि राज्य की अधिकांश सीटें पिछली बार भाजपा के कब्जे में थीं, प्रधानमंत्री के गृह राज्य में यह भाजपा की बड़ी हार मानी जा रही है। हालांकि अभी वोटों की गिनती चल रही है और आखिरी परिणाम शाम तक प्राप्त होंगे, मगर रुझानों से साफ होने लगा है कि गुजरात के गांवों में भाजपा की पकड़ कमजोर होने लगी है।
राज्य में पाटीदार आरक्षण आंदोलन की पृष्ठभूमि में हुए ये चुनाव सत्ताधारी भाजपा के लिए परीक्षा की तरह माने जा रहे हैं। पाटीदारों या कहें पटेलों के नेताओं ने इन चुनावों में राज्य में भाजपा को हराने जबकि कांग्रेस को जिताने का नारा दिया था। इसे देखते हुए माना जा रहा था कि भाजपा को करारी हार झेलनी पड़ सकती है मगर राज्य के शहरी इलाकों ने पार्टी को बचा लिया। छह नगर निगमों अहमदाबाद, सूरत, जामनगर, भावनगर, वडोदरा और राजकोट में पार्टी की सत्ता कायम है। इसमें भी राजकोट को छोड़कर अन्य जगहों पर तो कांग्रेस की बुरी हार हुई है। राज्य के शहरी क्षेत्रों के अन्य स्थानीय निकायों में भी भाजपा की स्थिति कमोबेश अच्छी ही मानी जा सकती है। मगर इन चुनावों ने साफ कर दिया है कि राज्य में पार्टी अजेय नहीं रह गई है। 230 तालुका पंचायत के घोषित 4778 नतीजों में से 1482 कांग्रेस जबकि 1180 भाजपा के पक्ष में गए हैं। शेष अन्य के खाते में गए हैं। राज्य के 31 जिला पंचायतों में से 14 में कांग्रेस जबकि 13 में भाजपा आगे है।
दूसरी ओर, कांग्रेस ने गुजरात निकाय चुनावों के शुरुआती रुझानों को अच्छी खबर बताया और दावा किया कि उसने 31 जिला पंचायतों में से 20 पर जीत हासिल कर ली है वहीं पांच अन्य सीटों पर कड़ी टक्कर चल रही है।कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्विटर पर कहा, गुजरात निकाय चुनावों में अच्छी खबर। कांग्रेस 31 जिला पंचायतों में से 20 पर जीत गई है और अन्य पांच पर मुकाबले में है। साढ़े छह करोड़ गुजरातियों को बधाई।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल मेहसाणा जिले में अपनी भैचराजी प्रखंड पंचायत हार गई हैं। जनता और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बधाई।
पटेल आरक्षण आंदोलन की पृष्ठभूमि में और मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल के लिए पहले बड़े राजनीतिक मुकाबले के चलते निकाय चुनावों को सत्तारूढ़ पार्टी के लिहाज से महत्वपूर्ण समझा जा रहा है। प्रदेशभर से आ रहे शुरुआती रुझानों के अनुसार राज्य की नौ जिला पंचायतों में कांग्रेस आगे है, वहीं कुल 31 जिला पंचायतों में से चार में भाजपा बढ़त बना रही है। पिछले चुनाव में कांग्रेस को केवल तापी जिला पंचायत पर जीत हासिल हुई थी।
सत्तारूढ़ पार्टी 56 नगर पालिकाओं में अच्छा प्रदर्शन करती दिखाई दे रही है। राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के मुताबिक 230 तालुका पंचायतों में कांग्रेस प्रारंभिक स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करती दिखाई दे रही है। प्रतिष्ठित अहमदाबाद नगर निगम के चुनावों में भाजपा 50 सीटों से अधिक के साथ आगे है, वहीं कुल 192 सीटों में से कांग्रेस 15 पर आगे है। राजकोट जिला पंचायत में कांग्रेस जीत की ओर बढ़ती लग रही है जहां वह कुल 40 सीटों मे से 22 पर आगे है, वहीं भाजपा एक सीट पर ही आगे है। पिछले चुनावों में भाजपा ने 26 और कांग्रेस ने 14 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
छह नगर निगमों के लिए मतदान 26 नवंबर को हुआ था, वहीं 31 जिला पंचायतों, 230 तालुका पंचायतों और 56 नगर पालिकाओं के लिए मतदान 29 नवंबर को हुआ था।