पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) के नेता हार्दिक पटेल की पांच में से चार मांगें कांग्रेस ने मान ली है। सोमवार को पीएएएस और कांग्रेस नेताओं के बीच बैठक में ये सहमति बनी। खुद हार्दिक पटेल ने इसकी जानकारी दी। हालांकि वे बैठक में मौजूद नहीं थे।
हार्दिक ने बताया कि मुख्य मांग आरक्षण पर कांग्रेस ने फिलहाल कोई वादा नहीं किया है। कांग्रेस का कहना है कि यह तकनीकी मुद्दा है और कोई भी फैसला कानूनी सलाह-मशविरे के बाद ही किया जाएगा। हार्दिक ने इस मसले पर स्टैंड साफ करने के लिए कांग्रेस को सात नवंबर को वक्त दिया है।
इससे पहले उन्होंने शनिवार को कांग्रेस को तीन नवंबर तक आरक्षण पर स्टैंड साफ करने को कहा था। ऐसा नहीं करने पर उन्होंने तीन नवंबर को सूरत में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की होने वाली रैली का विरोध करने की चेतावनी दी थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी ने बताया कि पाटीदार नेताओं ने अपनी बातें रखी है। हम कानूनी सलाह मशविरा के बाद जवाब देंगे। गुजरात की 182 विधानसभा सीटों के लिए नौ और 14 दिसंबर को दो चरणों में वोट डाले जाएंगे।
हार्दिक के मुताबिक कांग्रेस ने सत्ता में आने पर आरक्षण आंदोलन के दौरान पाटीदारों के खिलाफ किए गए मुकदम वापस लेने पर रजामंदी जताई है। 590 में से 290 मुकदमे वापस लिए जाएंगे। राजद्रोह के मामले भी वापस लिए जाएंगे। उन्हाेेंने बताया कि आरक्षण आंदोलन के दौरान मारे गए पाटीदारों के परिवार को कांग्रेस ने 35 लाख रुपए मुआवजा देने को भी तैयार है। साथ ही पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाएगी।
हार्दिक ने बताया कि आरक्षण आंदोलन के दौरान गोलीबारी और लाठीचार्ज करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का भी कांग्रेस ने आश्वासन दिया है। कांग्रेस ने कहा है कि इस संबंध में जांच समिति बनाई जाएगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। भाजपा द्वारा गठित आयोग का आवंटन 600 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 2,000 करोड़ रुपये करने पर भी कांग्रेस राजी है। इस आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया जाएगा।