68 सदस्यीय हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के अब तक जो रुझान और नतीजे आए हैं उसकी संभावना पहले से ही जताई जा रही थी। पांच साल बाद भाजपा प्रदेश की सत्ता में वापसी कर रही है। चुनाव आयोग के मुताबिक 21 सीटें भाजपा जीत चुकी है और 44 पर आगे चल रही है। कांग्रेस 21 सीटों पर आगे चल रही है और12 सीटें जीत चुकी है। वहीं, सबको चौंकाते हुए एक सीट सीपीआई (एम) ने जीत ली है।
हिमाचल के चार दिग्गजों का क्या है हाल-
प्रेम कुमार धूमल
भाजपा की लहर के बावजूद उसे एक तगड़ा झटका लगा है। उसके मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल चुनाव हार गए हैं।
कांग्रेस के राजिंदर राणा ने उन्हें पटखनी दी। धूमल पहले हमीरपुर सीट से चुनाव लड़ते थे। लेकिन इस चुनाव में उन्होंने अपनी परंपरागत सीट हमीरपुर छोड़कर सुजानपुर से चुनाव लड़ने का फैसला किया था। धूमल पहली बार 1998 में प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे और 2003 तक इस पद रहे थे। फिर दुबारा वह 2007 से 2012 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे। वह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं।
वीरभद्र सिंह
कांग्रेस के वीरभद्र सिंह अर्की सीट पर भाजपा के रतन सिंह पाल से करीब 6 हजार वोटों से आगे चल रही है। इससे पहले उन्होंने अपने बेटे विक्रमादित्य सिंह के लिए शिमला ग्रामीण की सीट छोड़ने का फैसला किया था।
इससे पहले कांग्रेस की दिग्गज नेता विद्या स्टोक्स ने वीरभद्र सिंह के लिए ठियोग सीट छोड़ते हुए चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया। बाद में वीरभद्र ने अर्की से चुनाव लड़ने का फैसला किया तो विद्या ने फिर ठियोग से लड़ने का मन बना लिया। तब तक कांग्रेस इस सीट से दीपक राठौर को उम्मीदवार घोषित कर चुकी थी।
विक्रमादित्य सिंह
वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह शिमला ग्रामीण से बड़ी जीत की ओर बढ़ रहे हैं। वह भाजपा के प्रमोद शर्मा से करीब पांच हजार वोट से आगे चल रहे हैं। विक्रमादित्य सिंह के लिए वीरभद्र सिंह ने अपनी सीट छोड़ी थी और उन्होंने अर्की से लड़ने का फैसला किया था।
सतपाल सिंह सत्ती
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ऊना से चुनाव हार गए हैं। कांग्रेस के सतपाल सिंह रायजादा ने उन्हें 3196 वोट से हराया। सत्ती ने 2012 के चुनाव में इसी सीट पर 4,746 वोट से जीत दर्ज की थी।