इस बार उत्तर प्रदेश में पिछले लोकसभा चुनावों के मुकाबले चार फीसदी ज्यादा दागी उम्मीदवार मैदान में हैं। पिछले बार यह 19 फीसदी थे जो बढ़कर 23 फीसदी हो गए हैं। इसी तरह गंभीर अपराधियों की संख्या में भी इजाफा हुआ है।सबसे ज्यादा आपराधिक मामले में अतीक अहमद पहले स्थान पर हैं, जो निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में बनारस से चुनाव लड़ रहे हैं।
इस बार उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों पर 979 प्रत्याशी चुनाव लड़े, जिसमें 958 प्रत्याशियों के शपथ पत्रों में 220 उम्मीदवारों ने अपना आपराधिक रिकार्ड घोषित किया, जो 23 फीसदी हैं। इनमें से 181 प्रत्याशियों ने गंभीर आपराधिक रिकार्ड घोषित किया है। सातवें चरण में प्रदेश के 13 लोकसभा क्षेत्र महराजगंज, कुशीनगर, वाराणसी, गोरखपुर, बांसगांव, गाजीपुर, सलेमपुर, मिर्जापुर, बलिया, घोसी, देवरिया, चंदौली, राबर्ट्सगंज ने वोट डाले जाएंगे। इस चरण में चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों का विश्लेषण एडीआर ने किया है।
पहले नंबर पर हैं अतीक अहमद
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव मैदान में 26 प्रतिशत आपराधिक प्रवृत्ति के प्रत्याशी हैं, जिसमें 22 प्रतिशत उम्मीदवार गम्भीर आपराधिक प्रवृत्ति के हैं, सबसे ज्यादा आपराधिक मामले में अतीक अहमद पहले स्थान पर हैं, जो निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में बनारस से चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि उन्होंने पेरोल नहीं मिलने के कारण चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है और वह इस समय जेल में हैं। दूसरे स्थान पर अजय राय हैं, जो कांग्रेस पार्टी की तरफ से बनारस से चुनाव लड रहे हैं, जिनके ऊपर आठ आपराधिक मुकदमे हैं, तीसरे नम्बर पर अतुल कुमार सिंह बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर घोसी से चुनाव लड रहे हैं और हाल ही में उनके खिलाफ रेप का भी मुकदमा दर्ज किया गया था। इस समय उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हैं और वह फरार हैं
37 फीसदी हैं करोड़पति
358 उम्मीदवारों ने अपने को करोडपति बताया है, जो 37 फीसदी है। औसत सम्पत्ति प्रति उम्मीदवार 4.79 है। सबसे अमीर प्रत्याशियों की सूची में पंकज चौधरी महराजगंज से भाजपा से उम्मीदवार हैं, उनकी सम्पत्ति 37 करोड़ से अधिक है। सवा सौ साल पुरानी राहत रूह तेल कंपनी के वह मालिक भी हैं। दूसरे स्थान पर कुंवर रनजीत प्रताप नारायन सिंह (आरपीएन) कुशीनगर से कांगेस के प्रत्याशी हैं और उनकी सम्पत्ति 29 करोड से अधिक है। तीसरे स्थान पर अतीक अहमद की सम्पत्ति 25 करोड है।
सातवें चरण में 29 प्रतिशत उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता 5वीं से 12वीं के बीच है। 61 प्रतिशत उम्मीदवार स्नातक हैं। मात्र आठ प्रतिशत महिलाओं को इस चरण में उम्मीदवार बनाया गया है।