स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता 106 वर्षीय श्याम सरन नेगी का आज(शनिवार) सुबह हिमाचल प्रदेश के कल्पा में उनके पैतृक स्थान पर निधन हो गया।
नेगी ने स्वतंत्र देश में अपना पहला वोट 23 अक्टूबर 1951 को कल्पा मतदान केंद्र में डाला था, जो देश के पहले मतदाता बने। उन्होंने इस साल 2 नवंबर को 34वीं बार वोट डाला जो उनका आखिरी वोट बन गया।
नेगी के निधन पर गृह मंत्री अमित शाह ने दुःख जताया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “देश के प्रथम वोटर हिमाचल के श्याम सरन नेगी जी का निधन दुःखद है। देश के पहले चुनाव से लेकर अब तक सभी चुनावों में उन्होंने मतदान किया। 106 वर्ष की आयु में देश की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में उनकी आस्था व प्रतिबद्धता सभी के लिए प्रेरणीय है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।”
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नेगी के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि देश के पहले मतदाता ने अपना अंतिम वोट डालने की स्मृति हमेशा भावनात्मक रहेगी।
किन्नौर के उपायुक्त अमनदीप गर्ग ने कहा कि नेगी का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
मुख्य चुनाव अधिकारी मनीष गर्ग ने नेगी के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि उन्होंने "मतदाताओं की पीढ़ियों को लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने के लिए मताधिकार के अपने अधिकार का प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया।”
एक बयान में गर्ग ने कहा, "उनकी प्रतिबद्धता ऐसी थी कि उन्होंने अपने जीवन की अंतिम सांस तक मतदान किया क्योंकि उन्होंने 2 नवंबर को कल्पा में अपने घर पर डाक मतपत्र के माध्यम से अपना वोट डाला था।"
मुख्य चुनाव अधिकारी ने कहा, "नेगी एक नेक इंसान थे और मैं ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति और परिवार के सदस्यों को अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं। आज पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।"
मास्टर श्याम के रूप में लोकप्रिय नेगी भारतीय लोकतंत्र के पहले मतदाता बने क्योंकि देश के आम चुनाव जनवरी और फरवरी 1952 में हुए थे। बर्फ और मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए। हिमाचल प्रदेश में अक्टूबर 1951 के महीने में चुनाव हुए थे। तब से नेगी ने 1951 से हर लोकसभा, विधानसभा और सभी स्थानीय निकायों के चुनावों में भाग लिया है। उन्होंने अब तक 16 लोकसभा चुनाव में वोट डाला है।