आगामी कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए टिकट ना मिलने से नाराज भारतीय जनता पार्टी के नेता और मुडिगेरे से तीन बार के विधायक एम पी कुमारस्वामी ने गुरूवार को पार्टी से इस्तीफा देने की घोषणा की।
कुमारस्वामी ने भाजपा द्वारा टिकट काटे जाने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सी टी रवि को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि वह विधायक के तौर पर भी विधानसभा अध्यक्ष को जल्द ही अपना इस्तीफा सौंप देंगे।
भाजपा ने बुधवार रात 23 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की थी। इसके मुताबिक भाजपा ने कुमारस्वामी के स्थान पर दीपक डोड्डैया को मुडिगेरे से अपना उम्मीदवार बनाया है। कुमारस्वामी ने टिकट नहीं मिलने पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि पर निशाना साधा और कहा कि वह अपने समर्थकों और अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के साथ चर्चा करने के बाद अपने अगले कदम पर फैसला करेंगे।
विधायक ने टिकट नहीं मिलने का कारण उनके और रवि के बीच व्यक्तिगत प्रतिद्वंद्विता को बताया। अटकलें लगाई जा रही हैं कि अनुसूचित जाति समुदाय से ताल्लुक रखने वाले कुमारस्वामी जनता दल (सेक्यूलर) में शामिल हो सकते हैं या बतौर निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव में उतर सकते हैं।
उन्होंने कहा, मैंने अपना इस्तीफा पार्टी कार्यालय को भेज दिया है और जल्द ही (विधायक के रूप में इस्तीफा) अध्यक्ष को सौंप दूंगा। मैं अपने समर्थकों और मतदाताओं के साथ चर्चा करूंगा और कुछ दिनों में अपने अगले कदम पर फैसला करूंगा। उन्होंने कहा, सीटी रवि ने सुनिश्चित किया है कि मुझे टिकट नहीं मिले। राष्ट्रीय महासचिव के रूप में अब उनके पास वह ताकत है। अगर मैं उनके पद पर होता और वह मेरे पद पर होते तो मैं भी यही काम करता। उन्होंने भाजपा को आगाह किया कि रवि कर्नाटक में भाजपा को समाप्त कर देंगे।
कुमारस्वामी ने कहा कि अगर भाजपा के वरिष्ठ नेता बी एस येदियुरप्पा एक सप्ताह के लिए अपना फोन बंद कर देते हैं तो पार्टी 50 सीटें भी नहीं जीत पाएगी। येदियुरप्पा के बिना लोग भाजपा की बैठकों में भी नहीं आएंगे। उन्होंने टिकट ना दिए जाने के फैसले पर यह कहते हुए भी सवाल उठाया कि ‘मेरे पास उम्र और क्षमता दोनों हैं। हाल ही में, निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी कार्यकर्ताओं के एक वर्ग द्वारा कुमारस्वामी के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया गया था, जब येदियुरप्पा ने वहां का दौरा किया था।