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चुनाव नतीजे: मोदी लहर में जानें कौन जीता, किसे मिली हार

लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे आ रहे हैं। एनडीए स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है। इस बीच कई दिग्गजों...
चुनाव नतीजे: मोदी लहर में जानें कौन जीता, किसे मिली हार

लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे आ रहे हैं। एनडीए स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है। इस बीच कई दिग्गजों की साख दांव पर लगी थी। इनमें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से लेकर प्रधानमंत्री मोदी, सोनिया गांधी, कन्हैया कुमार, सनी देओल, उर्मिला मातोंडकर, स्मृति ईरानी, अखिलेश यादव और मुलायम सिंह की सीटें शामिल हैं।

आइए जानते हैं लोकसभा चुनाव की 30 हॉट सीटों के बारे में-

अमेठी

- इस सीट से स्मृति ईरानी चुनाव जीत गई हैं। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को 55120 मतों के अंतर से हराया है। 

कांग्रेस का दुर्ग कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट चर्चित सीटों में से एक है। सपा-बसपा गठबंधन ने अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था। 

2014 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी इस सीट से लगातार तीसरी बार सांसद चुने गए थे। बीजेपी ने राज्यसभा सांसद स्मृति ईरानी को यहां से मैदान में उतारा था। वहीं, आम आदमी पार्टी के कुमार विश्वास ने भी यहां से चुनाव लड़ा था। ईरानी ने 3 लाख से ज्यादा वोट हासिल कर राहुल को कड़ी टक्कर दी थी जबकि कुमार विश्वास की जमानत जब्त हो गई थी।

वाराणसी:

-इस सीट से पीएम नरेंद्र मोदी 479,505 वोटों के अंतर से चुनाव जीत गए हैं। सपा उम्मीदवार शालिनी यादव दूसरे स्थान पर रहीं।  

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सीट होने के कारण इस सीट पर पूरे देश की नजरें थीं। नरेंद्र मोदी को कुल 6,74,664 वोट मिलें जबकि शालिनी यादव को 1,95,159 वोट मिलें। तीसरे नंबर पर कांग्रेस के अजय राय रहें। उन्हें 1,52,548 वोट मिले।

गोरखपुरः

-इस लोकसभा सीट से रविकिशन शुक्ला  301664 वोटों से चुनाव जीत गए हैं, उन्होंने महागठबंधन के सपा से रामभुआल निषाद को हराया है। 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह परंपरागत सीट है। निषाद पार्टी को साथ लेने के बाद भाजपा ने गोरखपुर के ही रहने वाले और भोजपुरी स्टार रविकिशन शुक्ला को मैदान उतारा था। कभी इस सीट पर भाजपा का एकछत्र राज था लेकिन उपचुनाव में सपा और बसपा ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा और भाजपा को हराया।

लखनऊ 

- इस लोकसभा सीट से राजनाथ सिंह 345,023 वोटों से आगे चल रहे हैं।

लखनऊ लोकसभा सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला है। केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के खिलाफ कांग्रेस ने जहां आचार्य प्रमोद कृष्णम को उतारा है, वहीं महागठबंधन की ओर से शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा मैदान में हैं। 2014 में इस सीट से राजनाथ सिंह ने कांग्रेस की प्रोफेसर रीता को हराया था। बता दें कि इस सीट से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहावी वाजपेयी कई बार चुनाव जीत चुके हैं। इस सीट पर छठे चरण में मतदान हुए।

गाजियाबाद 

- इस सीट से वीके सिंह 499,961 वोटों से आगे चल रहे हैं जबकि सुरेश बंसल पीछे चल रहे हैं।

उत्तर प्रदेश की इस हॉट सीटों में से एक है। देश की राजधानी दिल्ली से सटी उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद लोकसभा सीट अभी भारतीय जनता पार्टी के पास है। इस सीट पर दो ही बार लोकसभा चुनाव हुए हैं और दोनों ही बार ये सीट बीजेपी के खाते में गई है। पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह अभी इस सीट से सांसद हैं। इस बार भी वह चुनावी मैदान में हैं, जिनकी टक्कर कांग्रेस उम्मीदवार डॉली शर्मा से हुई। इस सीट से कांग्रेस उम्मीदवार डॉली शर्मा, बीजेपी से वीके सिंह और सपा-बसपा और आरएलडी गठबंधन से सपा नेता सुरेश बंसल के बीच मुकाबला है।

पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर मोदी लहर ने विरोधियों को बिखेर दिया था। साल 2014 में भारतीय जनता पार्टी के जनरल वीके सिंह को 758,482 वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी राज बब्बर को मात्र 191,222 वोट मिले थे।

बागपत

- इस लोकसभा सीट से जयंत चौधरी 1,640 वोटों से आगे चल रहे हैं जबकि सत्यपाल सिंह पीछे चल रहे हैं।

इस सीट से भारतीय जनता पार्टी की तरफ से मौजूदा सांसद सत्यपाल सिंह चुनावी मैदान में हैं। वहीं, आरएलडी से जयंत चौधरी जबकि, शिवपाल सिंह यादव की पार्टी ने चौधरी मोहम्मद मोहकम ने चुनाव लड़ा। इस सीट पर 2014 में चली मोदी लहर के दम पर भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर परचम लहराया और मुंबई पुलिस के कमिश्नर रह चुके सत्यपाल सिंह सांसद चुने गए जबकि चौधरी अजित सिंह इस सीट पर तीसरे नंबर पर रहे थे। 2014 के लोकसभा चुनाव के नतीजों पर नजर डालें तो यहां सत्यपाल सिंह (भाजपा) को  कुल 423,475 वोट मिले। वहीं, गुलाम मोहम्मद ( समाजवादी पार्टी) को कुल 213,609 वोट मिले जबकि चौधरी अजित सिंह (राष्ट्रीय लोक दल) को 199,516 वोट मिले, 19.9 फीसदी।

मुजफ्फरनगर

- इस लोकसभा सीट से संजीव बालियान 3782 वोटों से आगे चल रहे हैं जबकि अजीत सिंह पीछे चल रहे हैं।

इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी और गठबंधन के बीच महामुकाबला है। गठबंधन की ओर से आरएलडी के प्रमुख चौधरी अजित सिंह मैदान में थे जबकि बीजेपी पूर्व केन्द्रीय मंत्री और मौजूदा सांसद संजीव बालियान पर ही दांव लगाया। इस सीट पर कांग्रेस ने कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं उतारा। वहीं शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (पीएसपी-एल) ने इस सीट से ओमबीर सिंह को चुनाव मैदान में उतारा।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सबसे चर्चित लोकसभा सीटों में से एक और 'जाटलैंड' के नाम से मशहूर मुजफ्फरनगर अभी भाजपा के कब्जे में है। 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर 69.7 फीसदी वोट पड़े थे। 2014 में इस सीट पर नोटा को 4739 वोट गए थे। इस सीट पर 27 फीसदी मुस्लिम वोटर मौजूद हैं।

मैनपुरी

- इस सीट से  मुलायम सिंह 93,189 वोटों से आगे जबकि भाजपा के प्रेम सिंह पीछे चल रहे हैं।

समाजवादी पार्टी का गढ़ माने जाने वाली मैनपुरी लोकसभा सीट पर मुलायम की प्रतिष्ठा दांव पर है। इस सीट पर मुलायम सिंह के सामने भारतीय जनता पार्टी के प्रेम सिंह शाक्या रहे। 2014 के चुनाव में 2 जगहों से जीत हासिल करने के बाद मुलायम सिंह ने मैनपुरी सीट छोड़ दी थी और उन्होंने आजमगढ़ को अपना संसदीय क्षेत्र चुना था। 2014 के चुनाव में चली मोदी लहर का इस सीट पर कोई असर देखने को नहीं मिला था और तत्कालीन समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी।

कन्नौज 

- इस सीट से डिंपल यादव 9,113 वोटों से पीछे चल रही हैं।

कन्नौज लोकसभा सीट से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव सपा की प्रत्याशी हैं। 2014 में मोदी लहर के बावजूद बीजेपी यहां कमल नहीं खिला सकी थी। डिंपल को चुनौती देने बीजेपी ने सुब्रत पाठक पर दांव खेला है। मुख्य मुकाबला इन्हीं दोनों के बीच है। शिवसेना, भारतीय वंचित समाज पार्टी, राष्ट्रीय क्रांति पार्टी, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, राष्ट्रीय समाज पक्ष के अलावा तीन निर्दलीय भी चुनावी मैदान में हैं।

मेरठ

- इस सीट पर बीजेपी के राजेंद्र अग्रवाल 2,379 वोटों से आगे जबकि हाजी याकूब कुरैशी  पीछे चल रहे हैं।

इस सीट से बीएसपी के हाजी याकूब कुरैशी मैदान में हैं। इनके सामने बीजेपी ने मौजूदा सांसद राजेंद्र अग्रवाल पर दांव लगाया। वहीं, कांग्रेस के हरेंद्र अग्रवाल मैदान में हैं। यह सीट मुस्लिम और दलित बहुल मानी जाती है।

पिछले दो दशकों से मेरठ सीट भारतीय जनता पार्टी का गढ़ मानी जाती रही है, 2014 के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत यहां से ही की थी। इस बार 2019 के आम चुनाव के ऐलान के बाद भी पहली रैली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेरठ से ही की। साल 2014 में हुए लोकसभा चुनावों में इस  सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी राजेन्द्र अग्रवाल ने जीत का परचम लहराया था।

कैराना

- इस सीट से बीजेपी के प्रदीप कुमार 89,788 से आगे जबकि सपा की तबस्सुम बेगम पीछे चल रही हैं।

इस सीट से भाजपा के प्रदीप चौधरी को उम्मीदवार बनाया जबकि सपा ने तबस्सुम हसन को मैदान में हैं। वहीं इस सीट से मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने के लिए कांग्रेस प्रत्याशी हरेंद्र मलिक ने भी पूरा जोर लगा दिया। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के हुकुम सिंह ने कैराना सीट से बाजी मारी थी लेकिन उनके निधन के बाद हुए उपचुनाव में सपा के समर्थन से यह सीट आरएलडी जीतने में कामयाब रही थी।

आरएलडी के टिकट पर तबस्सुम हसन ने बीजेपी की उम्मीदवार मृगांका सिंह को 44618 वोटों से शिकस्त दी थी। अब बीजेपी ने गंगोह से विधायक प्रदीप चौधरी पर दांव लगाया है। प्रदीप चौधरी नकुड़ और गंगोह से तीन बार विधायक रह चुके हैं।

मथुरा

- इस लोकसभा सीट से हेमा मालिनी 287,892 वोटों से आगे जबकि रालोद के नरेंद्र सिंह पीछे चल रहे हैं।

धार्मिक नगरी और भगवान कृष्ण की नगरी के रूप में पहचान रखने वाली मथुरा लोकसभा सीट उत्तर प्रदेश के हाई प्रोफाइल सीटों में शुमार की जाती है। राजनीतिक रूप से मथुरा का कद तब बढ़ गया था जब पिछले चुनाव में ड्रीम गर्ल और बॉलीवुड अभिनेत्री हेमामालिनी ने यहां से चुनाव लड़ते हुए जोरदार जीत हासिल की थी। इस सीट से इस बार भी भाजपा की हेमा मालिनी चुनावी मैदान में हैं। उनको चुनौती देने के लिए कांग्रेस के महेश पाठक, राष्ट्रीय लोक दल के कुंवर नरेंद्र सिंह, स्वतंत्र जनताराज पार्टी के ओम प्रकाश मैदान में हैं। सपा-बसपा और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के बीच हुए गठबंधन के तहत यह सीट राष्ट्रीय लोक दल को मिली है और उसने नरेंद्र सिंह को टिकट दिया है।

वायनाड

- इस सीट से राहुल गांधी 4.31 लाख वोट के अंतर से चुनाव जीत गए हैं। दूसरे नंबर सीपीआई के पीपी सुनीर रहे।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट के अलावा केरल की वायनाड लोकसभा सीट से भी चुनावी मैदान में थे। केरल की वायनाड सीट पर अभी कांग्रेस का कब्जा है और 2009 के लोकसभा चुनाव में भी यह सीट कांग्रेस के हिस्से में रही थी। ऐसे में राहुल गांधी के यहां चुनाव लड़ने से इस सीट पर सभी की नजरें रहीं। इस सीट पर 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को वायनाड लोकसभा सीट पर महज 20,870 वोटों के अंतर से जीत हासिल हुई थी।

धनबाद

- इस सीट से बीजेपी के पशुपति नाथ सिंह 390,499 वोटों से आगे जबकि कीर्ति आजाद पीछे चल रहे हैं।

इस सीट से कांग्रेस पार्टी ने कीर्ति आजाद पर दांव खेला है, तो भारतीय जनता पार्टी के पशुपति नाथ सिंह चुनाव मैदान में हैं। इसके अलावा तृणमूल कांग्रेस की माधवी सिंह, बहुजन समाज पार्टी की मेघनाथ रावनी, पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया डेमोक्रेटिक के दीपक कुमार दास, अंबेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया के मिहिर चंद्र महतो और समाजवादी पार्टी के मिराज खान चुनावी मैदान में हैं। 2014 में इस सीट पर 60.17 प्रतिशत मतदान हुआ था।

पटना साहिब 

-इस सीट से केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद चुनाव जीत गए हैं। उन्हें 5.95 लाख वोट मिले हैं। उन्होंने कांग्रेस के शत्रुघ्न सिन्हा को हराया है। उन्हें 3.17 लाख वोट मिले हैं। 

बिहार में इस सीट पर देशभर की नजरें थीं। यहां भाजपा से बगावत कर कांग्रेस में शामिल हुए शत्रुघ्न सिन्हा और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा था। 

पाटलिपुत्र

- इस सीट से मीसा भारती 41,549 वोटों से पीछे जबकि बीजेपी के रामकृपाल आगे चल रहे हैं।

इस सीट पर लालू यादव की पुत्री मीसा भारती के मुकाबले भाजपा से केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव मैदान में हैं। कभी लालू के करीबी रहे रामकृपाल ने 2014 में मीसा भारती को हराया था। रामकृपाल एक वक्त में लालू के शिष्य और सिपाहसालार होते थे और राजद के टिकट पर तीन बार लोकसभा के सदस्य और एक बार राज्यसभा गए लेकिन पिछले चुनाव में भाजपा का दामन थाम लिया

गुरदासपुर

- इस लोकसभा सीट से बीजेपी के सनी देओल 82459 मतों के अंतर से चुनाव जीत गए हैं। उन्होंने कांग्रेस के सुनील जाखड़ हराया है। उन्होंने शुरु से लेकर अंत तक बढ़त बनाए रखी।

यह सीट सबसे ज्यादा चर्चा में थी। विनोद खन्ना की सीट रही गुरदासपुर में भाजपा को यहां से जीत की उम्मीद थी। इस सीट पर लंबे समय से लागातार भाजपा का कब्जा रहा था लेकिन 2017 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के सुनील जाखड़ ने रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की थी।

आजमगढ़

- इस लोकसभा सीट से अखिलेश यादव 246,507 वोटों से आगे जबकि निरहुआ पीछे चल रहे हैं।

यूपी की आजमगढ़ लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद हैं मुलायम सिंह यादव। मगर इस बार सपा की ओर से खुद अखिलेश यादव चुनावी मैदान में हैं। अखिलेश यादव के खिलाफ बीजेपी ने दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' को उतारा है। अखिलेश यादव के खिलाफ भोजपुरी सुपरस्टार दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' को उतार कर बीजेपी ने सबको चौंका दिया। आजमगढ़ सीट पर छठे चरण में मतदान हुए। बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव ने बीजेपी के रमाकांत त्रिपाठी को हराया था।

रायबरेली

- इस सीट से सोनिया गांधी 167,178 वोटों के अंतर से चुनाव जीत गई हैं। उन्होंने भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह को हराया है। 

भाजेपी उम्मीदवार- दिनेश प्रताप सिंह

कांग्रेस उम्मीदवार- सोनिया गांधी

2014 के नतीजे- 2014 में हुए लोकसभा चुनावों में रायबरेली लोकसभा सीट पर कांग्रेस मुखिया सोनिया गांधी ने अपना दबदबा बरकरार रखा। सोनिया गांधी के खाते में सबसे अधिक 5 लाख 26 हजार 434 वोट पड़े। इसके दूसरी ओर बीजेपी के उम्मीदवार अजय अग्रवाल 1 लाख 73 हजार 721 वोट पाकर दूसरे पायदान पर रहे। इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी को 63 हजार 633 वोट और केजरीवाल की आप को 10 हजार 383 वोट ही मिल सके।

गाजीपुर

- इस लोकसभा सीट से बीएसपी के अफजल अंसारी 112,823 वोटों से आगे जबकि मनोज सिन्हा पीछे चल रहे हैं।

बीजेपी उम्मीदवार- मनोज सिन्हा

कांग्रेस उम्मीदवार- अजीत कुमार कुशवाहा

बीएसपी- अफजल अंसारी

2014 के नतीजे-वर्ष 2014 में, उत्तर प्रदेश राज्य में, गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से मनोज सिन्हा का निर्वाचन हुआ। उन्हें 306929 वोट मिले। उनकी पार्टी बीजेपी है। उन्होंने शिवकन्या कुशवाहा को 32452 वोटों से हराया। निकटतम प्रतिद्वंद्वी की पार्टी सपा थी। 2014 में कुल 54.77 प्रतिशत वोट पड़े।

बेगुसराय

- इस सीट से बीजेपी के गिरीराज सिंह 422,217 वोटों से आगे जबकि सीपीआई कन्हैया कुमार पीछे चल रहे हैं।

बीजेपी उम्मीदवार- गिरीराज सिंह

कांग्रेस उम्मीदवार- केतन पटेल

सीपीआई- कन्हैया कुमार

2014 के नतीजे-2014 में, बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र से भोला सिंह का निर्वाचन हुआ। उन्हें 428227 वोट मिले। उनकी पार्टी बीजेपी है। उन्होंने मो तनवीर हसन को 58335 वोटों से हराया। निकटतम प्रतिद्वंद्वी की पार्टी राजद थी। 2014 में कुल 60.61 प्रतिशत वोट पड़े।

मधेपुरा

- इस सीट से जेडीयू के दिनेश चंद्र यादव 277,922 वोटों से आगे जबकि शरद यादव पीछे चल रहे हैं।

जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक)- राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव  

आरजेडी उम्मीदवार- शरद यादव

जेडीयू उम्मीदवार- दिनेश चंद्र यादव

2014 के नतीजे-साल 2014 में बिहार की मधेपुरा लोकसभा सीट पर हुए चुनाव में आरजेडी के उम्मीदवार और दिग्गज नेता राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने बीजेपी को मात दी थी।

डायमंड हार्बर (पश्चिम बंगाल)

- इस सीट से टीएमसी के  अभिषेक बनर्जी 320,678 वोटों से आगे जबकि पीछे चल रहे हैं।

टीएमसी उम्मीदवार- अभिषेक बनर्जी

बीजेपी- निलंजन रॉय

कांग्रेस- सौम्य रॉय

2014 के नतीजे- टीएमसी के अभिषेक बनर्जी ने जीत हासिल की थी।

आसनसोल (पश्चिम बंगाल)

इस सीट से बीजेपी के बाबुल सुप्रियो 197,637 वोटों से आगे जबकि टीएमसी की मुनमुसेन पीछे चल रही हैं।

भाजपा- बाबुल सुप्रियो

टीएमसी- मुनमुनसेन

माकपा- गौरंगा चैटर्जी

2014 के नतीजे- भाजपा के बाबुल सुप्रियो ने जीत दर्ज की।

पुरी (ओडिशा)

इस सीट से बीजेडी की पिनाकी मिश्रा 376 वोटों से आगे जबकि बीजेपी के संबित पात्र पीछे चल रहे हैं।

भाजपा- संबित पात्रा

बीजेडी- पिनाकी मिश्रा

कांग्रेस- सत्य प्रकाश नायक

2014 के नतीजे- बीजेडी के पिनाकी मिश्रा ने जीत दर्ज की थी।

भोपाल

इस सीट से बीजेपी की प्रज्ञा ठाकुर 356,663 वोटों से आगे जबकि दिग्विजय पीछे चल रहे हैं।

बीजेपी- प्रज्ञा ठाकुर

कांग्रेस- दिग्विजय सिंह

2014 के नतीजे- भाजपा के अलोक संजर ने जीत हासिल की थी।

गुना (मध्य प्रदेश)

इस सीट से बीजेपी के केपी यादव 124,750 वोटों से आगे जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया पीछे चल रहे हैं।

बीजेपी- कृष्णपाल सिंह उर्फ केपी यादव

कांग्रेस- ज्योतिरादित्य सिंधिया

2014 के नतीजे- कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जीत दर्ज की थी।

छिंदवाड़ा

- छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से कांग्रेस के नकुलनाथ 37,536 वोटों से आगे जबकि नाथन साह कुरैती पीछे चल रहे हैं।

कांग्रेस- कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ

बीजेपी- नाथन साह कुरैती

बसपा- ज्ञानेश्वर गजभिए

2014 के नतीजे- कांग्रेस के कमलनाथ ने जीत दर्ज की थी।

जयपुर

- इस लोकसभा सीट से  बीजेपी के रामचंद्र बोहरा  427,988 वोटों से आगे जबकि ज्योति खंडेलवाल पीछे हैं।

बीजेपी- रामचरण बोहरा

कांग्रेस- ज्योति खंडेलवाल

बसपा- उमराव सालोदिया

2014 के नतीजे- रामचरण बोहरा ने जीत दर्ज की थी।

जोधपुर (राजस्थान)

- इस सीट से बीजेपी के गजेन्द्र सिंह शेखावत  274,440 वोटों से आगे जबकि वैभव गहलोत पीछे चल रहे हैं। 

बीजेपी- गजेन्द्र सिंह शेखावत

कांग्रेस- अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत

2014 के नतीजे- बीजेपी के गजेन्द्र सिंह शेखावत ने जीत दर्ज की थी।

गांधी नगर (गुजरात)

- इस सीट से अमित शाह 557,014 वोटों के अंतर से चुनाव जीत गए हैं। उन्होंने यहां कांग्रेस के डा सीजे चावड़ा हराया हैं। 

बीजेपी- अमित शाह

कांग्रेस- डॉ सीजे चावड़ा

2014 के नतीजे- बीजेपी के लालकृष्ण आडवाणी ने इस सीट से जीत दर्ज की थी।

नागपुर

- इस सीट से नितिन गडकरी 195,292 वोटों से आगे जबकि कांग्रेस के नाना पटोले पीछे चल रहे हैं।

बीजेपी- नितिन गडकरी

कांग्रेस- नाना पटोले

2014 के नतीजे- बीजेपी के नितिन गडकरी ने जीत हासिल की थी।

बारामती (महाराष्ट्र)

- इस सीट से एनसीपी प्रमुख शरद पवार की बेटी सुप्रिया सूले 1,55,774 वोटों से चुनाव जीत गई हैं। दूसरे स्थान पर भाजपा के राहुल कूल रहे।

बीजेपी- कांचन राहुल कूल

एनसीपी- सुप्रिया सुले

बहुजन मुक्ति पार्टी- संजय शिंदे

2014 के नतीजे- इस सीट से एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने जीत दर्ज की थी।

मुंबई नॉर्थ 

- इस सीट से बीजेपी के गोपाल शेट्टी चुनाव जीत गए हैं। उन्हें 6.88 लाख वोट मिले हैं जबकि उनके सामने पहली बार चुनाव लड़ रहीं उर्मिला मातोंकर केवल 2.35 लाख वोट लेने में कामयाब रहीं।  

बीजेपी- गोपाल शेट्टी

कांग्रेस- उर्मिला मातोंडकर

2014 के नतीजे- इस सीट से बीजेपी के गोपाल शेट्टी ने जीत दर्ज की थी।

नॉर्थ ईस्ट दिल्ली

- इस सीट से भाजपा के मनोज तिवारी चुनाव जीत गए हैं। उन्होंने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस उम्मीदवार शीला दीक्षित को हराया है। 2014 में इस सीट से भाजपा के मनोज तिवारी ने जीत दर्ज की थी।

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