लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पिछली बार से भी ज्यादा सीटें जीती हैं। बीजेपी ने न सिर्फ अपने बल पर फिर से लोकसभा में बहुमत हासिल किया, बल्कि सहयोगियों के साथ 350 का आंकड़ा पार कर लिया है। बीजेपी और सहयोगियों ने एग्जिट पोल को सही साबित करते हुए इस बार 2014 से भी बड़ी जीत हासिल की।
भाजपा के नेतृत्व में एनडीए पिछली बार से ज्यादा सीटों से सरकार बनाने जा रहा है। यही नहीं विपक्ष की एकता चाहे उत्तर प्रदेश में हो या फिर बिहार में कहीं एनडीए को भारी नुकसान नहीं पहुंचा पाई है। भाजपा ने ममता बनर्जी के गढ़ पश्चिम बंगाल में भी सेंध लगा दी है।
भाजपा ने 302 और कांग्रेस ने 52 सीटों पर दर्ज की जीत
भाजपा ने 302 सीटें हासिल कर अकेले ही बहुमत के लिए जरूरी 272 सीटों का आंकड़ा आसानी से पार कर लिया। हालांकि बीजेपी अभी भी एक सीट पर आगे चल रही है। एनडीए को 351 सीटें मिलीं। वहीं, कांग्रेस ने 52 सीटें जीतीं। यूपीए इस बार 91 सीटों तक पहुंची। वहीं, अन्य ने 100 सीटों पर जीत दर्ज की है।
पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल में बीजेपी टीएमसी के गढ़ में सेंध लगाने में सफल हो गई। राज्य के 42 सीटों में से टीएमसी 22 सीटों पर जीत दर्ज की है। बीजेपी के खाते में 18 सीटें गई हैं। कांग्रेस केवल 2 सीट ही जीत पाई। बता दें कि बीजेपी ने राज्य में पूरी ताकत झोंक दी थी। बंगाल में टीएमसी और बीजेपी में ही मुख्य मुकाबला माना जा रहा था। राज्य से लेफ्ट का सफाया हो गया। पिछली बार बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में सिर्फ 2 सीटें जीती थी।
बिहार में गठबंधन फेल, एनडीए पास
बिहार में भी एनडीए गठबंधन भारी बहुमत बना चुका है। राज्य की 40 सीटों में से 39 सीटों पर एनडीए ने जीत दर्ज की है। कांग्रेस केवल 1 सीट किशनगंज से जीती है। बता दें कि 2014 में एनडीए ने राज्य में 32 सीटें जीती थीं। इसबार यह आंकड़ा ऊपर चला गया है। गठबंधन बिहार में बुरी तरह परास्त हो गया। यहां तक की राज्य की बड़ी पार्टी आरजेडी अपने गठन के बाद पहली बार राज्य में खाता भी नहीं खोल पाई है।
ओडिशा
ओडिशा में भी बीजेपी ने अपने पिछले प्रदर्शन को सुधारा है। यहां बीजेपी ने 8 और बीजेडी ने 12 सीटों पर जीत दर्ज की है। कांग्रेस ने केवल 1 सीट पर जीत दर्ज की है। पिछली बार ओडिशा उन कुछ चुनिंदा राज्यों में था, जो मोदी लहर से प्रभावित नहीं था।
महाराष्ट्र
यूपी के बाद सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों वाले महाराष्ट्र में भी मोदी मैजिक दिखा। सूबे की 48 लोकसभा सीटों में से एनडीए को 41, यूपीए को 5 और अन्य को 2 सीटों मिली हैं।
दिल्ली, हिमाचल, उत्तराखंड
पिछली बार की तरह इस बार भी दिल्ली की सभी 7 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज कर ली है। इसी तरह हिमाचल की सभी 4 और उत्तराखंड की सभी 5 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है। त्रिपुरा की दोनों सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है।
राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और एमपी
गुजरात में पिछली बार की तरह बीजेपी ने इस बार भी सभी 26 सीटों पर जीत दर्ज की है। इसी तरह राजस्थान की सभी 25 सीटों पर बीजेपी ने 24 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने केवल 1 सीट पर जीत दर्ज की है। मध्य प्रदेश की 29 में से 28 पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है। राज्य में कांग्रेस केवल छिंदवाड़ा सीट ही निकाल पाई है। यहां से कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ चुनाव मैदान में थे। हरियाणा की सभी 10 सीटें बीजेपी के खाते में आई हैं।
कर्नाटक, झारखंड
कर्नाटक में भी बीजेपी का प्रदर्शन जबरदस्त रहा। सूबे की कुल 28 सीटों में से बीजेपी ने 25 सीटें जीती हैं। 2 पर यूपीए और एक सीट पर अन्य आगे है। इसी तरह, झारखंड में भी बीजेपी का प्रदर्शन दमदार रहा। सूबे की कुल 14 सीटों में से बीजेपी 11 सीटों पर जीत मिली है, एक पर उसकी सहयोगी आजसू ने जीत दर्ज की। वहीं, यूपीए केवल 2 सीटों पर जीत पाई है।
केरल और पंजाब
2014 में महज 44 सीटों पर सिमटने वाली देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस इस बार भी उसी आंकड़े के इर्द-गिर्द रही। पार्टी ने 52 सीटों पर जीत दर्ज की। इनमें से केरल से 15 सीटें कांग्रेस के खाते में आई है। राज्य में लोकसभा की कुल 20 सीटें हैं। इसी तरह, कांग्रेस पंजाब में बढ़िया प्रदर्शन किया और पार्टी ने यहां 8 सीटों पर दर्ज की है। एनडीए 4 और 1 सीट पर आम आदमी पार्टी ने जीत दर्ज की है।
पिछले विधानसभा चुनावों के प्रदर्शन को नहीं दोहरा पाई कांग्रेस
कांग्रेस ने पिछले साल नवंबर में छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए तीनों ही राज्यों में बीजेपी को सत्ता से बेदखल किया था। हालांकि, लोकसभा चुनावों में पार्टी की इन राज्यों में बुरी तरह हार हुई। मध्य प्रदेश में कांग्रेस बमुश्किल खाता खोल पाई। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल करने वाली कांग्रेस सूबे की कुल 11 लोकसभा सीटों में से सिर्फ 2 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई। वहीं, बीजेपी ने यहां से 2014 में 10 सीटें जीती थी, जबकि इस बार उसे 9 सीटें मिली हैं।
वेल्लोर में चुनाव रद्द
कुल 543 लोकसभा सीटों में से 542 पर चुनाव हुए हैं। वेल्लोर लोकसभा सीट पर धन बल का अत्यधिक उपयोग किए जाने के आधार पर चुनाव आयोग ने चुनाव रद्द कर दिया था।