मध्य प्रदेश और मिजोरम में बुधवार को मतदाताओं ने जनादेश ईवीएम में बंद कर दिया है। शाम 6 बजे तक मध्य प्रदेश में 74.61 फीसदी मतदान हुआ। वहीं, शाम 5 बजे तक मिजोरम में 75 फीसदी मतदान दर्ज हुआ। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के सामने अपनी सत्ता बचाने की चुनौती है, वहीं मिजोरम में मुख्यमंत्री लाल थानहावला हैट्रिक लगाना चाह रहे हैं। मध्य प्रदेश में 230 और मिजोरम में 40 विधानसभा सीटों पर सबकी नजर है। नतीजे 11 दिसंबर को आएंगे।
चुनाव के दौरान गुना में चुनाव ड्यूटी पर तैनात एक स्पेशल पुलिस अधिकारी और इंदौर में दो पीठासीन अधिकारियों की हार्ट अटैक से मौत हो गई। वहीं मध्य प्रदेश में कई जगह ईवीएम खराब होने की खबर आई। इंदौर, ग्वालियर के बाद छतरपुर, महाराजपुर, भिंड और राजगढ़ विधानसभा सीट पर ईवीएम खराब हुआ। ईवीएम में खराबी के कारण कई जगह कुछ समय के लिए मतदान रोकना पड़ा।
मध्य प्रदेश पर एक नजर
मध्यप्रदेश में इस बार भी मुख्य रूप से भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला है। हालांकि प्रदेश में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी (आप) का दावा है कि वह दिल्ली वाली अपनी सफलता को राज्य में दोहराएगी, जहां 2015 के विधानसभा चुनाव में उसने कांग्रेस और भाजपा का सूपड़ा साफ कर दिया था। भाजपा ने सभी 230 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि कांग्रेस ने 229 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं और एक सीट अपने सहयोगी शरद यादव के लोकतांत्रिक जनता दल के लिए छोड़ी है। आप 208 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, बसपा 227, शिवसेना 81 और समाजवादी पार्टी 52 सीटों पर चुनाव मैदान में है।
मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांता राव के अनुसार 28 नवंबर को मध्यप्रदेश विधानसभा की सभी 230 सीटों के लिए मतदान हुआ। 227 विधानसभा क्षेत्रों में सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक और बालाघाट जिले के तीन नक्सल प्रभावित विधानसभा क्षेत्रों परसवाड़ा, बैहर एवं लांजी में सुबह 7 बजे से अपराह्न 3 बजे तक मतदान चला। चु
2,899 उम्मीदवार मैदान में
मध्य प्रदेश में इस चुनाव के लिए 1,094 निर्दलीय प्रत्याशियों सहित कुल 2,899 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें से 2,644 पुरुष, 250 महिलाएं एवं पांच ट्रांसजेंडर शामिल हैं। राज्य में 65,367 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इनमें से 17,000 मतदान केन्द्र संवेदनशील घोषित किए गए हैं। इन केन्द्रों पर केन्द्रीय पुलिस बल और वेवकास्टिंग के साथ माइक्रो पर्यवेक्षक भी तैनात किए गए।
मिजोरम पर एक नजर
पूर्वोत्तर में मिजोरम एकमात्र राज्य है जहां कांग्रेस की सरकार है. राज्य में कांग्रेस 2008 से सत्ता में है और उसकी नजरें तीसरी बार सरकार बनाने पर हैं। मिजोरम में साल 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 34 सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के खाते में पांच और मिजोरम पीपुल्स कांफ्रेंस की झोली में एक सीट आई थी। कांग्रेस और मुख्य विपक्षी एमएनएफ ने 40-40 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं जबकि भाजपा 39 सीटों पर मैदान में है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी मिजोरम में चुनाव प्रचार किया। राज्य में पहली बार सभी मतदान केंद्रों को वायरलेस संचार तंत्र से जोड़ दिया गया ताकि मतदान के दौरान त्वरित रूप से सूचनाएं भेजी जा सकें।
209 उम्मीदवार मैदान में
मिजोरम की 40 सीटों के लिए 8 राजनीतिक पार्टियों के 209 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें सत्ताधारी कांग्रेस और मुख्य विपक्षी पार्टी मिजो नेशनल फ्रंट के सबसे ज्यादा 40-40, भाजपा के 39, नेशनल पीपुल्स पार्टी के 9 और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के 5 प्रत्याशी हैं। जो 8 दल चुनाव लड़ रहे हैं, उनमें से सिर्फ कांग्रेस (34 विधायक), एमएनएफ (5 विधायक) और मिजोरम पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (अब जोराम पीपुल्स मूवमेंट का हिस्सा) ही ऐसी हैं, जिनके पास मौजूदा विधानसभा में सीटें हैं।
मध्य प्रदेश और मिजोरम का भविष्य जनादेश के हवाले
मध्य प्रदेश में शिवराज क्या जीत का चौका लगा पाएंगे? क्या उत्तर-पूर्व के 7 राज्यों में परचम लहरा चुकी भाजपा आठवें राज्य मिजोरम में भी सरकार बना पाएगी? इन प्रश्नों का उत्तर आज ईवीएम में कैद हो गया है। 11 दिसंबर को जनता के फैसले का पता लग पाएगा।