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एमसीडी चुनाव: ‘आप’ बहुमत के करीब, भाजपा का 15 साल का शासन खतरे में

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के अभी तक आए परिणामों को देखते हुए आम आदमी पार्टी (आप) इस बार भारतीय जनता पार्टी...
एमसीडी चुनाव: ‘आप’ बहुमत के करीब, भाजपा का 15 साल का शासन खतरे में

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के अभी तक आए परिणामों को देखते हुए आम आदमी पार्टी (आप) इस बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 15 साल के शासन को समाप्त करने की दिशा में आगे बढ़ती नजर आ रही है।

राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, दोपहर साढ़े 12 बजे तक हुई मतगणना में आम आदमी पार्टी (आप) ने 104 सीटों पर जीत दर्ज की है और 31 सीट पर आगे चल रही है और इन सभी सीट पर जीत दर्ज करने पर वह 135 का आंकड़ा छू लेगी। बहुमत के लिए किसी भी पार्टी को एमसीडी के 250 वार्ड में से 126 में जीत दर्ज करनी होगी।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 83 सीट पर जीत दर्ज की है और वह 19 सीट पर आगे है। दूसरी ओर, कांग्रेस ने अभी तक केवल पांच सीट अपने नाम की है और पांच पर ही आगे चल रही है।

उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर वार्ड से निर्दलीय उम्मीदवार शकीला ने जीत दर्ज की है। दो अन्य निर्दलीय उम्मीदवार भी अपनी-अपनी सीट पर आगे चल रहे हैं। ‘आप’ के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि महज 10 साल पुरानी पार्टी ने देश की सबसे बड़ी पार्टी (भाजपा) को उसी के गढ़ में ‘‘मात’’ दे दी। उन्होंने कहा, ‘‘ परिणामों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि ‘आप’ एक बेहद ईमानदार पार्टी है।’’

सिंह ने कहा कि परिणाम इसलिए भी उल्लेखनीय हैं, क्योंकि भाजपा ने चुनाव प्रचार के लिए 17 केंद्रीय मंत्रियों सहित सभी शीर्ष नेताओं को मैदान में उतारा था। ‘आप’ के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री ने पहले कहा था कि उनकी पार्टी 230 वार्ड में जीत दर्ज करेगी। पार्टी के लिए एमसीडी चुनाव में स्पष्ट जीत दिल्ली पर उसके प्रभाव का एक और उदाहरण होगी।

भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा, ‘‘15 साल की सत्ता विरोधी लहर के बावजूद हमारा प्रदर्शन बेहतर है। हमने नगर निगमों में दिल्ली के लोगों के कल्याण के लिए काम किया, लेकिन शायद कुछ लोग खुश नहीं हैं। हालांकि, भाजपा के खिलाफ कोई नाराजगी नहीं है।’’

दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए मतों की गिनती बुधवार सुबह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरू हुई। एमसीडी के 250 वार्ड के लिए चार दिसंबर को मतदान हुआ था, जिसमें 1,349 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर लगी है। चुनाव में इस बार 50.48 प्रतिशत मतदान हुआ।

इससे पहले 2017 के नगर निगम चुनाव में भाजपा ने 270 वार्ड में से 181 पर जीत दर्ज की थी। प्रत्याशियों के निधन के कारण दो सीट पर मतदान नहीं हो सका। ‘आप’ ने 48 वार्ड और कांग्रेस ने 27 वार्ड जीते थे। उस साल करीब 53 प्रतिशत मतदान हुआ था।

‘आप’ के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने एमसीडी चुनाव में अपनी पार्टी की जीत का भरोसा जताया। उन्होंने कहा, ‘‘हम 180 से अधिक सीट पर जीत दर्ज करेंगे। भाजपा चुनाव प्रचार के दौरान एमसीडी में अपने 15 साल के कार्यकाल की कोई भी उपलब्धि नहीं गिना पाई है।’’

वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि चुनाव बाद के सर्वेक्षणों का अनुमान पूरी तरह से गलत है। उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘15 साल के शासन के बाद भी भाजपा अपने काम के बलबूते अपना वोट प्रतिशत बरकरार रखने में कामयाब रही है। लोगों को समय से पहले जश्न मनाने से बचना चाहिए।’’

दिल्ली भाजपा के उपाध्यक्ष विरेंद्र सचदेव ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि यह एक कड़ा मुकाबला है। उन्होंने कहा, ‘‘ हम चुनाव बाद के सर्वेक्षणों को गलत साबित करेंगे और भाजपा लगातार चौथी बार एमसीडी में सत्ता में आएगी।’’

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