पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की मतगणना जारी है। मिजोरम विधानसभा चुनाव के शुरुआती रुझान आने शुरू हो गए हैं। यहां 40 सीटों के लिए 7 दिसंबर को चुनाव हुए थे। यहां कांग्रेस को झटका लग रहा है। मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) 27 सीटों पर आगे चल रही है। उसे रूझानों में बहुमत मिल गया है। कांग्रेस 07 सीटों पर आगे है जबकि भाजपा एक सीट पर आगे चल रही है। कांग्रेस के मुख्यमंत्री पी ललथनहवला चंफाई साउथ और सेरछिप दोनों सीटों से चुनाव हार गए हैं।
पिछले दस साल से यहां कांग्रेस की सरकार है और ललथनहवला यहां के मौजूदा सीएम है। मिजोरम में अभी तक कांग्रेस और मिजो नेशनल फ्रंट के बीच टक्कर रहती है लेकिन पूर्वोत्तर के राज्यों में पैर पंसारने की रणनीति के तहत इस बार भाजपा भी पूरा जोर लगा रही थी।
बता दें कि 40 विधानसभा सीटों वाले इस प्रदेश में 28 नवंबर को मतदान सम्पन्न हुए। पिछले चुनाव की तुलना में मतदान में गिरावट दर्ज की गई। पिछले चुनाव के 83.4 फीसदी के मुकाबले इस बार 75 फीसदी मतदाताओं ने ही वोट डाला था। यहां कुल 209 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे थे।
मिजोरम चुनाव परिणाम/रूझान-2018 |
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दल |
आगे |
जीते |
कुल |
कांग्रेस |
07 | ||
मिजो नेशनल फ्रंट | 27 | ||
भाजपा |
01 | ||
अन्य |
05 | ||
40 |
40 |
2013 में ये थे नतीजे
मिजोरम में 25 नवंबर 2013 को विधानसभा के लिए मतदान हुए थे। इन चुनावों में कुल 142 उम्मीदवार मैदान में थे। जिसमें छह महिलाएं भी थीं। कांग्रेस ने राज्य में 34 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया था। मिजो नेशनल फ्रंट को सिर्फ पांच और मिजोरम पीपुल्स कांफ्रेंस ने एक सीट पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस के ललथनहवला मिजोरम के चार बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं और तब वह अपने लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ रहे थे। वह दो सीटों से मैदान में थे और दोनों ही सीटों पर जीत गए थे। इससे पहले 2008 में कांग्रेस ने 32 सीटें हासिल की थीं जबकि मिजो नेशनल फ्रंट सिर्फ तीन, मिजोरम पीपुल्स कांफ्रेंस को दो और अन्य को तीन सीटें हासिल हुई थीं।
मिजोरम विधानसभा चुनाव-2013 |
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पार्टी |
सीटों पर |
कांग्रेस |
34 |
मिजो नेशनल फ्रंट |
05 |
मिजोरम पीपुल्स कांफ्रेस |
01 |
कुल |
40/40 |
गलत साबित हुए हैं एग्जिट पोलः कांग्रेस
मत प्रतिशत घटने के साथ ही मिजोरम नेशनल फ्रंट और कांग्रेस दोनों ही जीत के दावे कर रही हैं। हालाकि सभी सर्वे एजेंसियों ने किसी को स्पष्ट बहुमत नहीं दिया है। एग्जिट पोल पर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता लालियान छुंगा ने कहा कि वर्ष 2013 के चुनावों में भी एग्जिट पोल के नतीजे गलत साबित हुए थे। तब कांग्रेस को 19 सीटें जीतने की भविष्यवाणी की गई थी। लेकिन पार्टी को 40 में से 34 सीटें मिली थीं। उन्होंने दावा किया कि पार्टी को 23 से ज्यादा सीटें मिलेंगी। अकेले बहुमत नहीं मिला तो दूसरे सहयोगियों के लिए पार्टी के दरवाजे खुले रखे हैं। 11 दिसंबर को नतीजे सामने आने के बाद कोई रणनीति बनाई जाएगी।
कांग्रेस की उम्मीदें जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) पर टिकी हैं। यही वजह है कि चुनाव प्रचार के दौरान भी कांग्रेस नेताओं ने जेडपीएम पर हमले नहीं किए। मुख्यमंत्री ललथनहवला पहले ही कह चुके हैं कि कांग्रेस समान विचारधारा वाले दलों के साथ हाथ मिलाने के लिए तैयार हैं।
मोदी ने एक तो राहुल ने दो रैलियां कीं
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी मिजोरम में चुनाव प्रचार किया। जहां राहुल गांधी ने दो तो नरेंद्र मोदी ने एक रैली की। पीएम मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने जहां कांग्रेस मुख्त भारत की बात की तो राहुल गांधी ने राफेल को ही चुनावी मुद्दा बनाया। कांग्रेस और एमएनएफ दोनों ने 40 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं तो भाजपा ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराने 39 उम्मीदवार उतारे हैं। इसके अलावा कई क्षेत्रीय एवं स्थानीय पार्टियों ने भी अपने उम्मीदवारों को उतारा है।
कांग्रेस और एमएनएफ के हाथ में ही रही है सत्ता
साल 1987 में अलग राज्य का दर्जा मिलने के बाद मिजोरम में यह 8वां विधानसभा चुनाव था और पिछले 10 सालों से कांग्रेस के पी ललथनहवला मुख्यमंत्री हैं। उनसे पहले मिजोरम नेशनल फ्रंट के लीडर पु. जोरमथंगा ने भी 10 सालों तक 1998 से 2008 तक सरकार चलाई थी। ललथनहवला का मिजोरम के सीएम के तौर पर लंबा अनुभव रहा है। इससे पहले भी वह 1989 से 1998 तक प्रदेश के सीएम रहे थे। इस तरह से बीते 30 वर्षों में मिजोरम में ललथनहवला और पु. जोरमथंगा ही मुख्यमंत्री रहे हैं।