कांग्रेस के लिए आसान सीट मानी जाने वाली सदर बाजार से भी अगर अजय माकन जीतने में कामयाब नहीं हुए तो वह पार्टी महासचिव पद से इस्तीफा दे सकते हैं। बताया जाता है कि दिल्ली में कांग्रेस की हार का ठीकरा पार्टी सीधे माकन पर ही फोड़ सकती है। दरअसल दिल्ली चुनाव में माकन कांग्रेस का चेहरा थे। सदर बाजार सीट पर उनका भाजपा और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों के साथ त्रिकोणीय मुकाबला है। हाल के चुनावी सर्वेक्षण में माकन को सदर बाजार सीट पर दौड़ में तीसरे नंबर पर बताया गया है।
दिल्ली के चुनावों में सभी मतदान बाद सर्वेक्षणों ने आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच ही मुख्य मुकाबला बताया है और कई सर्वेक्षणों ने तो कांग्रेस का खाता तक न खुलने की भविष्यवाणी की है। ऐसी स्थिति उस पार्टी के लिए शर्मनाक हो सकती है जो महज सवा साल पहले तक दिल्ली की सत्ता पर काबिज थी और लगातार 15 सालों तक यहां हुकूमत कर चुकी थी। जाहिर है कि ऐसी स्थिति में पार्टी को इस शर्मिंदगी से बचाने के लिए किसी ऐसे शख्स की जरूरत होगी जो आलाकमान को सुरक्षित रखने के लिए सारी जिम्मेदारी खुद उठाए। पार्टी सूत्रों का कहना है कि यह शख्स फिलहाल तो माकन ही हैं।
पार्टी सूत्रों के अनुसार माकन अगर विधानसभा चुनाव हार जाते हैं तो महासचिव या पार्टी के संचार विभाग के प्रमुख के पद पर बने नहीं रहेंगे। माकन को जून, 2013 में पार्टी महासचिव और कम्युनिकेशन विभाग का प्रमुख बनाया गया था। इस विधानसभा चुनाव में उन्हें राज्य प्रचार समिति का प्रमुख बनाया गया। खुद माकन कह चुके हैं सर्वेक्षण अगर सही साबित हुए तो चुनावी हार की पूरी जिम्मेदारी उनकी होगी।