दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान अब समाप्त हो चुके हैं। शनिवार को हुई वोटिंग में शाम छह बजे तक 54.65 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है। दिल्ली में मुकाबला मुख्य रूप से सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है। सभी पार्टियों ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। अब वोटिंग समाप्त होने के साथ ही परिणामों की झलक एग्जिट पोल में देखने को मिल रही है। विभिन्न मीडिया संस्थानों द्वारा अलग-अलग एग्जिट पोल जारी किए गए हैं जिसमें आम आदमी पार्टी एक बार फिर दिल्ली में सरकार बनाती दिखाई दे रही है। विभिन्न एग्जिट पोल्स में आप को 44 से लेकर 68 सीटें दी गई हैं।
अब तक आए ज्यादातर एग्जिट पोल ने साफ तौर पर आम आदमी पार्टी की सरकार बनने की बात कही है। जबकि भाजपा दूसरे नंबर की पार्टी रहेगी। वहीं एग्जिट पोल के आंकड़ों के अनुसार कांग्रेस को अधिकतम चार सीटों से संतोष करना पड़ेगा।
टाइम्स नाउ के एग्जिट पोल के मुताबिक, दिल्ली की 70 सीटों में से आम आदमी पार्टी को 44 सीटें मिल सकती हैं जबकि भाजपा को 26 सीटें मिलने का अनुमान है। जबकि कांग्रेस के खाते में एक भी सीटें नहीं आएंगी।
टीवी 9 भारतवर्ष-सिसेरो के एग्जिट पोल के मुताबिक, आम आदमी पार्टी 54 सीटें जीत सकती है जबकि भाजपा को 15 सीटों से संतोष करना पड़ सकता है। वहीं कांग्रेस के खाते में 1 सीट आएगी।
रिपब्लिक टीवी के एग्जिट पोल की बात करें तो आम आदमी पार्टी के खाते में 48-61 सीटें जा सकती हैं वहीं भाजपा के खाते में 9-21 सीटें जाने की संभावना है। जबकि कांग्रेस के खाते में 0 से 1 सीट आने का अनुमान है।
एबीपी न्यूज-सीवोटर के एग्जिट पोल के अनुसार, आम आदमी पार्टी के खाते में 49 से 63 सीटें आने की संभावना है। जबकि भाजपा को 5 से 19 सीटें मिलेंगी। वहीं कांग्रेस को 0 से लेकर 4 सीटें तक मिल सकती हैं।
एग्जिट पोल |
आप |
भाजपा |
कांग्रेस |
टाइम्स नाउ- आईपीएसओएस |
44 |
26 |
0 |
एबीपी न्यूज सी वोटर |
49-63 |
05-19 |
0-4 |
टीवी 9-भारतवर्ष-सिसरो |
54 |
15 |
1 |
रिपब्लिक-जन की बात |
48-61 |
9-21 |
0-1 |
न्यूज एक्स-पोल स्टार |
50-56 |
10-14 |
0-0 |
आजतक-एक्सिस माई इंडिया |
59-68 | 02-11 | 0-0 |
क्या केजरीवाल को मिलेगा एक और कार्यकाल?
साल 2015 में शानदार जीत मिलने के बाद दिल्ली के सीएम बने अरविंद केजरीवाल एक और कार्यकाल हासिल करने के प्रयास में हैं। केजरीवाल के नेतृत्व में पार्टी ने 2015 के विधानसभा चुनाव में कुल 70 में 67 सीटों पर जीत हासिल की थी, और बाकी तीन सीटें भाजपा के हिस्सें में गई थीं। उस दौरान दिल्ली चुनाव में कांग्रेस खाता भी नहीं खोल पाई थी, जबकि साल 1998 से लेकर 2013 तक कांग्रेस लगातार 15 साल दिल्ली की सत्ता में रह चुकी थी।
2015 और 2013 विधानसभा चुनाव में ये थी स्थिति
साल 2015 के विधानसभा चुनाव में आप को 54.3 फीसदी वोट मिले थे। भाजपा 32.3 फीसदी वोट पाकर दूसरे स्थान पर रही थी और कांग्रेस को केवल 9.7 प्रतिशत वोट मिल पाए थे। इससे सिर्फ दो साल पहले, साल 2013 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 28 सीटें जीतकर आठ सीटें जीतने वाली कांग्रेस के बिना शर्त समर्थन से सरकार बनाई थी, मगर वह अधिक समय तक नहीं चल पाई थी। साल 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 32 सीटों पर जीत मिली थी, और वह बहुमत के आंकड़े से 4 सीट कम रह गई थी।