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निकाय चुनावः भाजपा की जीत लेकिन वसुंधरा का गढ़ ध्वस्त

वसुंधरा राजे और ललित मोदी प्रकरण का राजस्‍थान के स्‍थानीय निकाय चुनावों में भाजपा पर सीधा असर तो नहीं पड़ा है मगर लगता है खुद वसुंधरा राजे के क्षेत्र में इसका गहरा असर हुआ है। शायद तभी पूरे राज्य में निकाय चुनाव में सबसे आगे रहने वाली भाजपा वसुंधरा के गढ़ माने जाने वाले धौलपुर, झालावाड़ और बांरा में कांग्रेस से हार गई है।
निकाय चुनावः भाजपा की जीत लेकिन वसुंधरा का गढ़ ध्वस्त

राजस्थान के 31 जिलों के 129 निकायों में गत 17 अगस्त को डाले गए वोटों की गिनती में आज घोषित परिणाम में प्रदेश की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने 49 निकाय पर स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है, वहीं कांग्रेस ने 19 निकायों में कब्जा किया है। एनसीपी ने दोनों प्रमुख पार्टियों को पराजित कर एक बोर्ड पर जीत हासिल की है। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने चुनाव नतीजे पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि मतदाताओं ने चौसठ प्रतिशत मत विपक्षी दलों को देकर जता दिया है उनका अब भाजपा में भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा कि इसकी बानगी मतदाताओं ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के गृह जिले धौलपुर, झालावाड़ और हाडौती के बारां निकाय कांग्रेस को सौंपकर दिखाई है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा द्वारा सत्ता, प्रशासन का दुरुपयोग करने के बावजूद भाजपा को कांग्रेस से केवल एक प्रतिशत मत अधिक मिला है। दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए सत्ता के दुरुपयोग के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि भाजपा अस्सी से एक सौ निकाय में बोर्ड का गठन करने जा रही है।

 

 

घोषित परिणाम के अनुसार तीन हजार तीन सौ इक्यावन पार्षदों के लिए हुए चुनाव में भाजपा के एक हजार चार सौ बयालीस, कांग्रेस के एक हजार एक सौ चौसठ, बसपा सोलह, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी पांच, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी एक, एनसीपी 19 और सात सौ चार निर्दलीय पार्षद चुनाव जीत गए हैं। निकायवार नतीजों के अनुसार भाजपा ने 49, कांग्रेस ने 19, निर्दलीय ने 12 और एनसीपी ने एक निकाय में बहुमत ‌हासिल किया है जबकि 48 निकायों में किसी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। चौंकाने वाले नतीजे धौलपुर, झालावाड़ और बारां निकाय के रहे जहां भाजपा को बहुमत नहीं मिला और कांग्रेस ने तीनों निकायों पर कब्जा जमाया है। धौलपुर, झालावाड़ मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और उनके सांसद पुत्र दुष्यंत सिंह का निर्वाचन क्षेत्र है।

 

 

राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार चुने गए पार्षद अध्यक्ष का कल 21 अगस्त को और 22 अगस्त को उपाध्यक्ष का चुनाव करेंगे। गौरतलब है कि निकाय चुनाव में 3,351 वार्ड पार्षदों के चुनाव में 10,582 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस और भाजपा को मिले मत में छब्बीस प्रतिशत का अंतर था जो अब निकाय चुनाव में घटकर एक प्रतिशत रह गया है। दो तिहाई मतदाताओं ने भाजपा के खिलाफ मत दिया है। दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी ने कहा कि मतदाताओं ने फिर से कांग्रेस को नकार कर भाजपा में विश्वास जताया है। उन्होंने दावा किया कि वर्ष 2010 के मुकाबले वर्ष 2015 के निकाय चुनाव में भाजपा का वोट प्रतिशत बढ़ा है। भाजपा को इसबार 37.16 प्रतिशत जबकि कांग्रेसस को 33.77 प्रतिशत वोट मिले हैं। परनामी ने कहा कि भाजपा निरंतर जीत का इतिहास बना रही है। विधानसभा, लोकसभा, निगम, पंचायत के चुनावों में भाजपा का परचम लहराया। प्रदेश में सात नगर निगम है। इनमें से छह में पहले चुनाव हो चुके है। एक अजमेर में हाल ही में चुनाव हुआ है और सातों की सातों निगमों में भाजपा ने जीत हासिल की। उन्होंने कहा कि इस बार सातों मेयर भारतीय जनता पार्टी के हैं। इससे पूर्व सातो निगमों पर कांग्रेस के मेयर थे।

 

 

परिणाम एक नजर में

 

कुल सीट    3351

 

भाजपा      1442

 

कांग्रेस      1164

 

बसपा       16

 

सीपीआई      05

 

सीपीआईएम     01

 

एनसीपी       19

 

निर्दलीय      704

 

 

निकाय में स्पष्ट बहुमत

 

कुल निकाय     129

 

भाजपा         49

 

कांग्रेस         19

 

एनसीपी        01

 

निर्दलीय        12

किसी को बहुमत नहीं 48

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