मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआइ-एम) के पोलित ब्यूरो सदस्य नीलोत्पल बसु ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर त्रिपुरा पश्चिम लोकसभा क्षेत्र में पिछले 11 अप्रैल को हुए चुनाव के दौरान बड़े पैमाने पर अनियमितताएं बरते जाने की शिकायत करते हुए 846 पोलिंग बूथों पर पुनर्मतदान कराने की मांग की है। उन्होंने इस लोकसभा क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी को हटाने की भी मांग की है। उन्होंने पश्चिम बंगाल के राजगंज क्षेत्र में भी गड़बड़ियों की शिकायत करते हुए वहां के 28 पोलिंग बूथों पर दोबारा मतदान कराने की मांग की है। इस लोकसभा क्षेत्र में मतदान 18 अप्रैल को हुआ था।
त्रिपुरा पश्चिम के 846 बूथों पर पुनर्मतदान की मांग
बसु ने 22 अप्रैल को मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा को भेजे पत्र में कहा है कि 11 अप्रैल को त्रिपुरा पश्चिम क्षेत्र में मतदान के दौरान जो कुछ भी हुआ, वह लोकतंत्र के इतिहास में बेहद दुर्भाग्यपूर्ण था। वहां मतदान के दौरान हुई गड़बड़ियों की पुष्टि इस बात से होती है कि आयोग ने 18 अप्रैल को होने वाले त्रिपुरा पूर्व के चुनाव टालकर 23 अप्रैल को कराने कै फैसला किया। इससे स्पष्ट है कि आयोग ने भी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए त्रिपुरा की कानून व्यवस्था को अनुपयुक्त माना। सीपीआइ-एम ने अपने पत्र में कहा है कि इसके बावजूद आयोग ने जमीनी स्तर पर कोई खास कदम नहीं उठाए हैं। सीपीआइ-एम ने पहले त्रिपुरा पश्चिम के 464 पोलिंग बूथों पर दोबारा चुनाव कराने की मांग की थी। लेकिन इस बात के स्पष्ट सबूत है कि वहां बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई। इसी वजह से वहां से सीपीआइ-एम के प्रत्याशी शंकर प्रसाद दत्ता ने निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर 846 पोलिंग बूथों पर दोबारा मतदान कराने की मांग उठाई।
एफआइआर हुई लेकिन रिहा किए गए आरोपी
सीपीआइ-एम के अनुसार उसकी शिकायतों का सत्यापन इसी से होता है कि पश्चिम त्रिपुरा जिले के कलेक्टर ने 17 अप्रैल को गड़बड़ियों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई। लेकिन कुछ समय बाद ही कई आरोपियों को जमानत दे दी गई। इनमें से कई को तो थाने से ही जमानत पर रिहा कर दिया गया। सीपीआइ-एम के प्रत्याशी द्वारा इसकी शिकायत जिला प्रशासन और आयोग से की गई थी।
निर्वाचन अधिकारी की शिकायत की
सीपीआइ-एम के नेता सीताराम येचुरी की अगुआई वाले एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त से मिलकर त्रिपुरा पश्चिम लोकसभा क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी के कार्यकलापों की शिकायत की थी। निर्वाचन अधिकारी अपने कर्तव्य पूरे करने में विफल रहे हैं। त्रिपुरा पूर्व से सीपीआइ-एम के प्रत्याशी जितेंद्र चौधरी ने भी निर्वाचन अधिकारी और सेंट्रल पुलिस पर्यवेक्षक को पत्र लिखकर 23 अप्रैल को चुनाव के दौरान कई कदम उठाने के लिए सुझाव दिए थे।
पश्चिम बंगाल के राजगंज में भी हुई गड़बड़ियां
पश्चिम बंगाल के राजगंज लोकसभा क्षेत्र में हुए मतदान का जिक्र करते हुए पत्र में कहा गया है कि वहां से सीपीइ-एम के प्रत्याशी मोहम्मद सलीम ने 28 पोलिंग बूथों पर दोबारा मतदान कराने की मांग की थी। चूंकि इन पोलिंग बूथों पर मतदान में गड़बड़ियां हुई, इसलिए वहां दोबारा मतदान कराना जरूरी हो जाता है। चुनाव के लिए व्यवस्थाओं पर सवाल उठाते हुए बसु ने कहा कि केंद्रीय बलों की तैनाती, वीडियो स्ट्रीमिंग और सीसीटीवी की समुचित व्यवस्था नहीं की गई। कई स्थानों पर सीसीटीवी और वीडियो स्ट्रीमिंग के लिए बिजली तक की व्यवस्था थी।
स्थगन के बाद आज मतदान हो रहा है त्रिपुरा पूर्व में
निर्वाचन आयोग ने त्रिपुरा पूर्व क्षेत्र के 11 अप्रैल को हुए मतदान के दौरान गड़बड़ियों की शिकायतें मिलने और वहां के माहौल का आंकलन करने के बाद त्रिपुरा पश्चिम क्षेत्र में मतदान टाल दिया था। वहां 18 अप्रैल को चुनाव होना था। अब इस सीट पर चुनाव तीसरे चरण में मंगलवार को हो रहे हैं।