लेकिन राजनीतिक विश्लेषक इस बात को मानते हैं कि कहीं न कहीं परिवार का झगड़ा और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी समाजवादी पार्टी पर भारी पड़ गई। समाजवादी पार्टी के नेताओं को इस बात का भी अंदाजा नहीं था कि पार्टी तिहाई का आंकड़ा नहीं छू पाएगी। चुनाव के दौरान पार्टी के कई नेताओं ने आउटलुक के साथ बातचीत में कहा था कि भले ही समाजवादी पार्टी पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर पाए लेकिन दूसरे दलों को खासकर बसपा को साथ लेकर सरकार बन जाए।
आखिरी चरण के मतदान के बाद विभिन्न एक्जिट पोल में भाजपा को बड़ी जीत बताया गया था और उसी दिन सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि जरूरत पड़ी तो बसपा के साथ गठबंधन करेंगे। लेकिन चुनाव के जो रूझान सामने आए हैं उसमें एक बात साफ हो गई कि भाजपा बड़ी जीत हासिल करने जा रही है।