कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया आगामी कर्नाटक विधानसभा चुनाव किस सीट से लड़ेंगे, इसे लेकर मंगलवार को भी संशय बरकरार रहा। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि वह इस बारे में अपने परिवार के साथ विचार-विमर्श करेंगे।
मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री के समर्थकों ने उनके कोलार से चुनाव लड़ने के अपने फैसले पर कायम रहने के लिए उन पर दबाव बनाया। हालांकि, पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने कथित तौर पर यह स्पष्ट कर दिया है कि वे इस कदम के पक्ष में नहीं हैं।
इस बीच, सिद्धरमैया ने इस दावे को खारिज किया है कि कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें कोलार सीट से चुनाव नहीं लड़ने की सलाह दी है।
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में सिद्धरमैया ने दो निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ा था। वह बागलकोट जिले की बादामी सीट से जीते जबकि मैसूरु जिले की चामुंडेश्वरी सीट से हार गए थे।
सिद्धरमैया ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र का चयन करने में ‘‘एक प्रतिशत जोखिम’’ भी नहीं लेने और उन्हें चुनाव प्रचार के लिए पूरे राज्य का दौरा करने के लिए कहा था।
कोलार सहित कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों से आए सिद्धरमैया के समर्थकों ने मंगलवार को उनके आवास के बाहर धरना दिया और मांग की कि वह कोलार से ही चुनाव लड़ें। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए वरिष्ठ नेता ने कहा कि वह पार्टी आलाकमान द्वारा लिए गए निर्णय का पालन करेंगे।