बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम भले ही आ गए हो और राज्य में एक बार फिर एनडीए की अगुवाई में नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने पर मोहर लग गया हो लेकिन अभी भी राजधानी पटना में सियासी सरगर्मियां तेज है। गुरुवार को पटना में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर महागठबंधन के नेताओं की बैठक हुई। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में राजद नेता तेजस्वी यादव ने विधायकों को संबोधित किया और दावा किया कि सरकार उनकी ही बनने जा रही है। यानी अभी भी तेजस्वी यादव को महागठबंधन की अगुवाई में सरकार बनने की आस है।
सूत्रों की मानें तो तेजस्वी यादव को गठबंधन में से कांग्रेस के कुछ विधायकों के छिटकने की आशंका है, ऐसे में वो पूरी तरह सतर्क रहना चाहते हैं। कई समाचार पत्रों ने राजद पार्टी के सूत्रों के हवाले से ये छापा है कि महागठबंधन इस बात की ताक में है कि एनडीए में कुछ-न-कुछ खटपट होगा। एक अखबार ने ये भी छापा है कि राजद नेता एनडीए के दो छोटे घटक वीआईपी और हम पार्टी के संपर्क में है।
पार्टी सूत्रों के हवाले से खबर है कि राजद इन पार्टी प्रमुखों के संपर्क में है और वीआईपी के मुखिया मुकेश साहनी डिप्टी सीएम बनना चाहते हैं और उन्हें ये पद ऑफर किया जा सकता है। “जनसत्ता” ने छापा है कि सूत्र ने स्वीकार किया है कि महागठबंधन के “रास्ते खुले हुए” हैं।
दरअसल, महागठबंधन के पास 110 सीटें है। और बहुमत के लिए 12 और सीटों की जरूरत है। यदि ऐसा होता है तो एनडीए मुश्किल में पर सकती है। हम ने जेडीयू कोटे से 7 सीटों पर चुनाव लड़ा था और पार्टी 3 सीट पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही है। जबकि, मुकेश साहनी की पार्टी वीआईपी ने बीजेपी के कोटे से 11 सीटों पर चुनाव लड़ा और 4 सीट पर जीत दर्ज करने में पार्टी कामयाब रही। जेडीयू ने 115 सीट पर चुनाव लड़े हैं जबकि 110 सीट पर बीजेपी ने ताल ठोकी। इस बार लोजपा ने अलग चुनाव लड़ा है।
एनडीए को 125 सीटें मिली है। यदि महागठबंधन सरकार बनाने को लेकर तोड़-जोड़ का फॉर्मूल अपनाती है और सफलता मिल जाती है तो ओवैसी किंगमेकर की भूमिका में दिख सकते हैं क्योंकि, ओवैसी को पांच सीटें मिली है।
हालांकि, आउटलुक सूत्रों की इन खबरों की पुष्टि नहीं करता है।