मतदाताओं में जिस तरह के उत्साह की उम्मीद थी, वैसा आधे दिन तक दिखाई नहीं दिया। भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के समर्थकों के बीच ही सारा चुनावी तापमान नापा जा रहा है। जहां आप के समर्थकों में जोर बदलाव को लेकर ज्यादा है, वहीं भाजपा के समर्थक केंद्र और राज्य के बीच बेहतर समन्वय की बात तो कर रहे हैं लेकिन राज्य की कमान किरन बेदी को सौंपने से ज्यादा खुश नहीं हैं।
सुबह से दिल्ली के कई पोलिंग स्टेशनों पर दौरा करने के बाद इस संवाददाता ने पाया कि आप के पक्ष में युवाओं तथा मध्यम वर्ग का प्रभाव है। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ और भाजपा के समर्थकों में स्थानीय स्तर पर निराशा जरूर है लेकिन वोट उनका भाजपा को ही पड़ा है। हालांकि वे खुद ये मानते है कि दिल्ली के वरिष्ठ भाजपा नेताओं को इस कदर नजरंदाज नहीं किया जाना चाहिए था। खास तौर पर हर्ष वर्धन को किनारे किए जाने और आप को छोड़कर आए नेताओं को भाजपा से टिकट देने पर उन्होंने नाराजगी जताई।
पड़पड़गंज विधानसभा के मतदाता पुनीत शर्मा ने बताया कि वह चूंकि संघ से जुड़े हुए हैं इसलिए उन्होंने भाजपा को ही वोट दिया है, लेकिन उनके बेटे और बेटी ने आप को दिया है। मैं खुद बिन्नी (भाजपा के उम्मीदवार) के पक्ष में नहीं हूं लेकिन विचारधारा से बंधा हूं। बैंक में काम करने वाले नितिन ने बताया कि उन्होंने आप को वोट दिया है क्योंकि भाजपा ने जिस तरह से गंदी भाषा में हमला किया, वह शर्मनाक है। उनका मानना है कि आप ही कुछ बदल सकता है।
कोंडली विधानसभा क्षेत्र में भी तकरीबन यही माहौल दिखाई दिया। वहां भाजपा हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण करने की कोशिश लंबे समय से कर रही थी। पिछले दिनों वहां सांप्रदायिक तनाव भी हुआ था। लेकिन शुरुआती ट्रेंड आप के पक्ष में दिखाई दिया। वहां पर एक कंपनी में काम करने वाली सुनंदा राय ने बताया, लोकसभा में मैंने भाजपा को वोट दिया था , लेकिन इस बार आप को दिया है। भाजपा और उसके संगठन हम औरतों को बच्चा पैदा करने वाली मशीन बनाना चाहते हैं, ये सरकार में आ गए तो मुश्किल होगी।
पूर्वी दिल्ली की सीटों की बात हो या दिल्ली विश्वविद्यालय और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के इर्द-गिर्द की सीटों की बात हो, वहां टक्कर कांटे की रहने वाली है। अंतिम दौर में भाजपा और संघ की शाखाओं ने अपना पूरा जोर लगा दिया है। घर-घर से लोगों को बुलाकर लाए जाने की खबरें हैं।