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यूपी चुनाव: पहले चरण का प्रचार खत्म, 58 सीटों पर 10 फरवरी को वोट, आखिरी दिन पीएम मोदी, अमित शाह समेत इन नेताओं ने की वर्चुअल रैली

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पहले चरण के विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार शाम को चुनावप प्रचार समाप्त हो...
यूपी चुनाव: पहले चरण का प्रचार खत्म, 58 सीटों पर 10 फरवरी को वोट, आखिरी दिन पीएम मोदी, अमित शाह समेत इन नेताओं ने की वर्चुअल रैली

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पहले चरण के विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार शाम को चुनावप प्रचार समाप्त हो गया। राज्य की 403 सीटों में से पहले चरण के 11 जिलों की 58 विधानसभा सीटों समेत नौ आरक्षित सीटों पर दस फरवरी को सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक मतदान होगा। अब प्रत्याशी डोर-टू-डोर प्रचार कर सकेंगे। पहले चरण में 623 उम्मीदवार मैदान में हैं और करीब 2.27 करोड़ मतदाता वोट डालेंगे।

पहले चरण में जिन जिलों में मतदान होने हैं वो हैं, शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत, गाजियाबादा, नोएडा यानी गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, मथुरा, अलीगढ़, आगरा और हापुड़ शामिल है। चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के तहत, प्रत्येक चरण के मतदान के 48 घंटे पहले प्रचार समाप्त करना होता है। कोरोनोवायरस महामारी के मद्देनजर रोड शो और शारीरिक रैलियों पर प्रतिबंध के कारण पहले चरण के लिए प्रचार वर्चुअल तरीके से किया गया।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आखिरी वर्चुअल रैली को संबोधित किया। भाजपा के लिए अभियान का नेतृत्व करते हुए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने समाजवादी पार्टी-राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) गठबंधन पर हमला करते हुए तेजी से विकास के लिए डबल इंजन वाली सरकार की वकालत की।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 2017 से पहले कैराना से हिंदुओं के कथित "पलायन" पर फिर से प्रकाश डालने की कोशिश की। उन्होंने मथुरा में घर-घर प्रचार किया।

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दावा किया कि लोगों ने भाजपा को सत्ता से बाहर करने का मन बना लिया है। सपा-रालोद गठबंधन ने अपने चुनावी प्रचार को किसानों के मुद्दों पर केंद्रित किया है और चुनावी वादों को लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला किया है।

पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में कांग्रेस ने रोड शो और घर-घर जाकर प्रचार करने में दिलचस्पी दिखाई है। देर से चुनाव प्रचार शुरू करने वाली बसपा प्रमुख मायावती ने लोगों को अपनी सरकार के कानून-व्यवस्था के पिछले रिकॉर्ड की याद दिलाई।

हालांकि मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा-रालोद के बीच माना जा रहा है, लेकिन पहले चरण में कुछ सीटों पर बसपा का भी प्रभाव है। इन 58 सीटों वाले 11 जिलों में कई जिले ऐसे हैं जहां मुस्लिम आबादी अच्छी खासी है। इनमें सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी शामली में है। यहां 41.73 फीसदी मुस्लिम हैं। इसके बाद मेरठ में 34.43, हापुड़ में 32.39. बागपत में 27.98, गाजियाबाद में 22.53, अलीगढ़ में 19.58, नोएडा में 13.08,आगरा में 9.31 और मथुरा में 8.52 फीसदी मुस्लिम आबादी है। पहले चरण में पश्चिमी यूपी के जाट बहुल क्षेत्र को कवर किया जाएगा।

पिछले 2017 के चुनावों में बीजेपी को पश्चिम यूपी में बड़ी सफलता मिली थी। इन 58 में से 53 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि एसपी-बीएसपी के हिस्से में 2-2 और आरएलडी के हिस्से में एक सीट आईं थी। लेकिन इस बार माहौल थोड़ा अलग है, ऐसे में बीजेपी ने अपने कुल 23 उम्मीदवारों को बदला है। इनमें से 19 मौजूदा विधायक हैं और 4 ऐसे हैं जो 2017 का चुनाव हार गए थे।

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