बीजेपी की ओर से पांच राज्यों में किये जा रहे चुनाव प्रचार के तौर-तरीकों और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सवाल उठाए हैं। शनिवार को प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि पार्टी को शनिवार को प्रयागराज में उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए यूवा घोषणा पत्र जारी करने से प्रशासन ने रोक दिया जबकि कथित तौर पर नफरत भरे भाषण देने वाले भाजपा नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने चुनाव आयोग पर स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से लोकतंत्र को कुचलने का भी आरोप लगाया।
प्रियंका गांधी ने शनिवार को ट्वीट कर कहा, "बीजेपी नेता भीड़ के साथ कैंपेन करें, नफरत भरी बातें करें। प्रशासन का कोई एक्शन नहीं। लेकिन कांग्रेस पार्टी को आज प्रयागराज में युवा घोषणापत्र जारी करने से रोका गया। सरकार के दबाव में चुनाव आयोग और प्रशासन युवाओं के एजेंडे को दबाने और लोकतंत्र को कुचलने में लगा हुआ है। निष्पक्षता?
उन्होंने अपने ट्वीट में पूछा, "सरकार के दबाव में चुनाव आयोग और प्रशासन लोकतंत्र और युवाओं के एजेंडे को कुचलने में लगे हुए हैं। (क्या यह) उचित है?" बता दें कि यूपी में इन दिनों राजनीतिक दलों में चुनावी जंग तेज हो गई है। खुद गृह मंत्री अमित शाह लोगों के घर-घर पहुंचकर बीजेपी के लिए वोट मांग रहे हैं। बीजेपी के तमात केंद्रीय नेता डोर-टू-डोर कैम्पेन कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने भी उन पर एफआईआर किये जाने पर चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए थे। बघेल ने कहा था कि गृह मंत्री अमित शाह 5 लोग के साथ डोर-टू-डोर अभियान कर रहे हैं। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि चुनाव आयोग को उन्हें डोर-टू-डोर अभियान का ब्रांड एम्बेसेडर घोषित कर उनके वीडियो को डैमो बना देना चाहिए, वरना चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल जारी रहेंगे। उन्होंने कहा, एफआईआर सिर्फ कांग्रेस के ही मुख्यमंत्री पर क्यों?
इससे पहले भी प्रियंका गांधी ने प्रयागराज में छात्रों पर पुलिस लाठीचार्ज को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने पीड़ित छात्रों के साथ वर्चुअली बातचीत की थी और कहा था कि शांतिपूर्ण ढंग से सत्याग्रह के मार्ग पर चलते रहें। इस दौरान प्रियंका ने बीजेपी पर भी जमकर निशाना साधा। कहा कि बीजेपी हक की बात करने वाले युवाओं से डबल इंजन सरकार की पुलिस का व्यवहार ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि बीजेपी का अहंकार चूर-चूर होगा।