उत्तर प्रदेश में पांचवें चरण में 14 लोकसभा क्षेत्रों में होने वाले चुनावों में पांचों चरणों के विश्लेषण में सबसे ज्यादा आपराधिक उम्मीदवार पांचवें चरण में हैं। इस चरण में 178 में से 43 (24 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। वहीं गंभीर आपराधिक मामले 40 (23 प्रतिशत) उम्मीदवारों पर हैं। इसके अलावा पांचवें चरण में 36 फीसदी करोड़पति उम्मीदवार मैदान में ताल ठोक रहे हैं।
शपथपत्रों का किया गया विश्लेषण
एडीआर/उत्तर प्रदेश इलेक्शन वाच ने लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में उत्तर प्रदेश के 14 लोकसभा क्षेत्र देवरिया, सीतापुर, मोहनलालगंज, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, बांदा, फतेहपुर, कौशाम्बी, बाराबंकी, फैजाबाद, बहराइच, कैसरगंज, गोण्ड़ा से चुनाव लड़ रहे 182 में से 178 उम्मीदवारों के शपथपत्रों का विश्लेषण किया। इसमें चार उम्मीदवारों (लखनऊ से मेरा अधिकार राष्ट्रीय दल पार्टी के कपिल मोहन चैधरी, अखिल भारतीय जनसंघ पार्टी के अमर कुमार रायजादा, लखनऊ अमेठी से निर्दलीय दिनेश कुमार, कांग्रेस से कैसरगंज संसदीय क्षेत्र से विनय कुमार पाण्डेय) के शपथपत्र स्पष्ट ना होने के कारण उनका विश्लेषण नहीं किया गया है।
उम्मीदवारों द्वारा घोषित आपराधिक मामले
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार उम्मीदवारों की ओर से घोषित आपराधिक मामलों में पहले स्थान पर अमेठी से निर्दलीय प्रत्याशी सरिता एस नायर हैं, जिनके ऊपर सबसे ज्यादा 34 केस दर्ज हैं और 87 गंभीर धाराए हैं। दो मामलों में सजा भी पा चुकी हैं, वहीं, दूसरे स्थान पर समाजवादी पार्टी के आनन्द सेन हैं, जो फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं, इनके ऊपर आठ मामलों में 14 गंभीर धराएं हैं। तीसरे स्थान पर बहुजन समाज पार्टी के अरशद सिद्दीकी हैं, जिन पर सात मामलों सहित 12 गंभीर धराएं हैं।
करोड़पति उम्मीदवार
178 उम्मीदवारों में से 64 (36 प्रतिशत) उम्मीदवारों की संपत्ति एक करोड़ या इससे ज्यादा है। बीजेपी में 100 प्रतिशत, कांग्रेस में 85 प्रतिशत, समाजवादी पार्टी में 100 प्रतिशत, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी 60 प्रतिशत और बहुजन समाज पार्टी 100 प्रतिशत, 14 प्रतिशत निर्दलीय उम्मीदवार करोड़पति हैं। करोडपति उम्मीदवारों में पहले स्थान पर लखनऊ संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ रहीं समाजवादी पार्टी की पूनम शत्रुघन सिन्हा हैं, जिनकी कुल संपत्ति 193 करोड से अधिक है, वहीं दूसरे स्थान पर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के विजय कुमार मिश्रा जो सीतापुर संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं, इनकी कुल संपत्ति 177 करोड से अधिक है। तीसरे स्थान पर समाजवादी पार्टी बांदा संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे श्याम चरण गुप्ता हैं, जिन्होंने अपनी सम्पत्ति 65 करोड से अधिक घोषित की है। पांचवें चरण के उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति 4.86 करोड़ है, अन्य चरणों के मुकाबले इस चरण में उम्मीदवारों के औसतन संपत्ति में कमी आई है। वहीं, 13 (7 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपना पैन घोषित नहीं किया है।
सबसे कम संपत्ति वाले उम्मीदवार
सबसे कम संपत्ति घोषित करने वाले बहराईच संसदीय क्षेत्र से शिवसेना के रिंकू सहानी हैं, जिन्होने अपनी संपत्ति 25 हजार घोषित की है। वहीं दूसरे स्थान पर कौशाम्बी सीट से निर्दलीय प्रत्याशी छेद्दू हैं, इन्होंने अपनी संपत्ति 26 हजार घोषित की है। तीसरे स्थान पर फतेहपुर सीट से विकास इन्साफ पार्टी के राजकुमार ने अपनी संपत्ति 30 हजार बताई है। वहीं, केसरगंज लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार मुन्नी ने अपनी सम्पत्ति शून्य घोषित की है।
शैक्षिक योग्यता
71 (40 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता 5वीं से 12वीं के बीच घोषित की है, जबकि 91 (51 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता स्नातक और इससे ज्यादा घोषित की है। वहीं, 10 उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता साक्षर और चार उम्मीदवारों ने अपनी योग्यता असाक्षर घोषित की है। दो उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता डिप्लोमा घोषित की है।
उम्मीदवारों की आयु
101 (57 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपनी आयु 25 से 50 वर्ष के बीच घोषित की है। जबकि 74 (42 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपनी आयु 51 से 80 वर्ष के बीच घोषित की है। वहीं, तीन उम्मीदवारों ने अपनी आयु घोषित नहीं की है।
महिला उम्मीदवार
उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2019 के पांचवें चरण में 25 (14 प्रतिशत) महिला उम्मीदवार चुनाव लड़ रही हैं।