उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में पंचायत चुनाव के कुछ चुनाव परिणाम बहुत ही दिलचस्प आये, जिन्हें देख लोग दंग रह गये। ऐसा ही एक परिणाम अजीतमल तृतीय क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य पद का देखने को मिला जहां बेटे ने विकल्प के रूप में मां का पर्चा भरवाया था और मतदाताओं ने उन्हीं दोनों पर भरोसा जता उन्हें विनर और रनर बना दिया।
जिले में पंचायत चुनाव में एक परिवार के कई सदस्य भाई-भाई, चाचा-भतीजा, देवरानी-जिठानी आदि आमने-सामने चुनाव लड़ते नजर आये, ये ऐसा पहला मामला है जहां अजीतमल तृतीय क्षेत्र से बसपा समर्थित जिला पंचायत सदस्य प्रत्याशी बृज किशोर उर्फ आशु पाल ने नामांकन पत्र दाखिल के बाद जांच में निरस्त न हो जाए, इसलिये विकल्प के रूप में अपनी मां उमा देवी पाल का भी नामांकन पत्र दाखिल कराया था और पर्चा वापसी के समय उसे वापस नहीं कराया।
हालांकि निर्दलीय प्रत्याशी उमा देवी ने स्वास्थ्य खराब व डमी प्रत्याशी होने के चलते क्षेत्र में एक दिन भी जनसंपर्क नहीं किया था, लेकिन जनता ने सिर्फ मां और बेटे पर ही भरोसा जताया। बीती देर शाम मतगणना के बाद परिणाम सामने आने पर उसे देख सभी लोग दंग रह गए। बसपा के आशु पाल 11,740 वोट के साथ पहले नंबर पर थे तो दूसरे नंबर पर कोई और नहीं, बल्कि उनकी मां उमा देवी 6,196 वोटों के साथ थीं।
आशू पाल ने मां को विकल्प के रूप में जरूर उतारा पर क्षेत्र की जनता ने मां और बेटे के अलावा अन्य दलों के प्रत्याशियों को पूरी तरह से नकार दिया और मां-बेटे की झोली वोटों से भर दी। दरअसल बसपा के युवा नेता आशु पाल बीते पांच साल से अजीतमल तृतीय सीट से चुनाव लड़ाने के लिए क्षेत्र में जन संपर्क कर रहे थे। जब चुनाव की बारी आई तो बसपा ने भी आशु पाल पर ही भरोसा जताया।
आशु पाल ने कहा कि क्षेत्र की जनता ने उन्हें और उनकी मां को जमकर वोट दिया है, उनकी प्राथमिकता क्षेत्र का विकास कराना होगा। यह उनकी मां उमा देवी और क्षेत्र की जनता की जीत है। दूसरी नंबर पर रहीं निर्दलीय प्रत्याशी और मां उमा देवी बेटे की इस जीत पर गदगद हैं।